गुरुदीन वर्मा ‘आज़ाद’
बारां (राजस्थान)
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कभी किसी के दिल से,बददुआ नहीं लीजिए,
सभी आबाद हो यहाँ,तुम दुआ यही कीजिए।
दया,धर्म और भाईचारा,जीवन का मकसद रहे,
बद से हमेशा दूर रहें,और नेकी से मतलब रहे।
महके चमन हर आँगन में,कोशिश सदा यह कीजिए,
कभी किसी के दिल से…।
महलों-दौलत,पद-ओ-ताज का,छोड़ो करना अभिमान,
भेदभाव तुम करो नहीं,मुफ़लिस-यतीम को दो सम्मान।
सबके गमों-दर्द दूर करो तुम,रोशन सभी को कीजिए,
कभी किसी के दिल से…।
मत छीनो आजादी किसी की,मत किसी को करो गुलाम,
सबको ‘जी आजाद’ बनाओ,करने दो आसमां को सलाम।
मुस्कराता हर चेहरा हो,आँसू किसी को नहीं दीजिए,
कभी किसी के दिल से…॥
परिचय- गुरुदीन वर्मा का उपनाम जी आज़ाद है। सरकारी शिक्षक श्री वर्मा राजस्थान के सिरोही जिले में पिण्डवाड़ा स्थित विद्यालय में पदस्थ हैं। स्थाई पता जिला-बारां (राजस्थान) है। आपकी शिक्षा स्नातक(बीए)व प्रशिक्षण (एसटीसी) है।इनकी रूचि शिक्षण,लेखन,संगीत व भ्रमण में है। साहित्यिक गतिविधि में सक्रिय जी आजाद अनेक साहित्य पटल पर ऑनलाइन काव्य पाठ कर चुके हैं तो अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। प्रकाशित पुस्तक ‘मेरी मुहब्बत’ साहित्य खाते में है तो कुछ पुस्तक प्रकाशन में हैं।