कुल पृष्ठ दर्शन : 268

हिन्द का गणतंत्रीय उपहार

जीवनदान चारण ‘अबोध’  
पोकरण(राजस्थान) 
******************************************************************

गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………


समृद्ध भारत महान है,
गणतंत्र भारत महान हैl

सर्व-धर्म समभाव सदा से,
भारत की पहचानl
हिमगिरि से सागर तक गूंजे,
भारत का जय-गानll

हम भारत के वीर सिपाही,
आगे बढ़ते जाएंगेl
अपने साहस,शौर्य से,
भारत का मान बढ़ाएंगेll

आतंकवादी अवसरवादी,
आने से टकराते हैंl
आ गए मेरी भूमि में,
तहस-नहस हो जाते हैंll

क्या करना है क्या नहीं,
ये संविधान हमें बतलाता हैl
भारत में रहने वालों का,
सभी से गहरा नाता हैll

हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई,
सब हैं यहाँ भाई-भाईl
सबसे पहले संविधान ने,
बात हमें यह सिखलाईll

इसके बाद बताई बातें,
जन-जन के हित वाली हैl
पढ़ने में ये सब बातें,
लगती बड़ी निराली हैll

लेकर शिक्षा कहीं,कभी भी,
ऊँचे पद पा सकते हैंl
और बढ़ा व्यापार नियम से,
दुनिया में छा सकते हैंll

देश उलझ रहा है मित्रों,
राजनीति के वादों में…
आओ हम मिल-जुल कर,
ये उलझन सुलझाते हैं…ll

लेकर सत्ता संविधान से,
शक्तिमान हो सकते हैंl
और देश की इस धरती पर,
जो चाहे कर सकते हैंll

परिचय-जीवनदान चारण का बसेरा  पोकरण(राजस्थान) में है। ‘अबोध’  आपका साहित्यिक उपनाम है। इनकी जन्म तारीख १३ जुलाई १९९४ एवं जन्म स्थान गांव पोस्ट आरंग है। श्री चारण का स्थाई पता आरंग(जिला बाड़मेर)है। परम्पराओं के लिए प्रसिद्ध राज्य राजस्थान के अबोध ने बी.एड. सहित बी.ए. और एम.ए. की पढ़ाई की है। आपका कार्यक्षेत्र अध्यापक (विद्यालय-पोकरण) का है। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत आप समाज सुधार,प्रचलित कुप्रथाओं को दूर करने के लिए अपने विचारों से सतत सक्रिय रहते हैं। लेखन विधा-दोहे,श्लोक,ग़ज़ल, कविता(विशेष-संस्कृत में गीत,श्लोक, सुभाषित, लेख भी।) है। प्रकाशन में  ‘कलम और कटार’ (किताब)आपके नाम है तो रचनाओं का प्रकाशन पत्र-पत्रिका में भी हो चुका है। आपकी विशेष उपलब्धि-संस्कृत साहित्य में लेखन करना है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-ईश्वर उपासना,देवी गुणगान और देशभक्ति है।  आपके लिए प्रेरणा पुंज स्वामी विवेकानंद जी हैं।

Leave a Reply