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भड़ास

दीपक शर्मा

जौनपुर(उत्तर प्रदेश)

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“सरिता! इस बार कुसुम २ विषय में फेल हो गयी है।” रागिनी खुशी से चहकते हुए बोली।
“हाँ! किंतु,इतना खुश क्यों हो ?” सरिता की बात में जैसे उस खुशी का विरोध था।
“अरे,भूल गयी क्या तुम ? पिछली बार-बार जब तुम्हारे नम्बर कम आए थे,वो किस तरह से हाॅस्टल में तुम्हारा मज़ाक उड़ा रही थी कि रातभर तुम लड़कों से फोन पर बात करती रहती हो,पार्क घूमती हो,और….”
“तो….?”
“अब चाहो तो तुम भी अपनी भड़ास निकाल सकती हो।”
“पर,मैं ऐसा नहीं करुँगी।”
“तुम भले कुछ न करो,पर मुझे तो अपनी भड़ास निकालनी ही है।”
“बात आपस की होती है,किंतु बाहर पूरे हाॅस्टल के लड़कियों की बेइज्जती होती है,वैसे दूध की धूली तो तुम भी नहीं और इस तरह अगर कल तुम्हारा मज़ाक उड़ाया जाए तो….?”
रागिनी अब ख़ामोश थी।

परिचय-दीपक शर्मा का स्थाई निवास जौनपुर के ग्राम-रामपुर(पो.-जयगोपालगंज केराकत) उत्तर प्रदेश में है। आप काशी हिंदू विश्वविद्यालय से वर्ष २०१८ में परास्नातक पूर्ण करने के बाद पद्मश्री पं.बलवंत राय भट्ट भावरंग स्वर्ण पदक से नवाजे गए हैं। फिलहल विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।आपकी जन्मतिथि २७ अप्रैल १९९१ है। बी.ए.(ऑनर्स-हिंदी साहित्य) और बी.टी.सी.( प्रतापगढ़-उ.प्र.) सहित एम.ए. तक शिक्षित (हिंदी)हैं। आपकी लेखन विधा कविता,लघुकथा,आलेख तथा समीक्षा भी है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी कविताएँ व लघुकथा प्रकाशित हैं। विश्वविद्यालय की हिंदी पत्रिका से बतौर सम्पादक भी जुड़े हैं। दीपक शर्मा की लेखनी का उद्देश्य-देश और समाज को नई दिशा देना तथा हिंदी क़ो प्रचारित करते हुए युवा रचनाकारों को साहित्य से जोड़ना है।विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको लेखन के लिए सम्मानित किया जा चुका है।

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