कुल पृष्ठ दर्शन : 206

बरसात

तृप्ति तोमर `तृष्णा`
भोपाल (मध्यप्रदेश)
*********************************************************************
बरसात प्रकृति का हसीन एहसास,
जैसे दुनिया के खुशी के पल हों पास।

पायल की झनकार-सा रोचक-सा संगीत,
जैसे इस सुहाने मौसम में मिला हो मनमीत।

रंग-बिरंगी फिजाओं से घिरा हो चमन,
अपनी अठखेलियों से मनमुग्ध है गगन।

रिमझिम बूदों से धरती ने दुल्हन-सा रूप सजाया,
जैसे हर ओर खुशियों का आँचल लहराया।

असंख्य बूंदों का गिरना कोई पारदर्शी पर्दा,
मानो हरी घास पर बिखरी हो ओस यदा-कदा।

खूबसूरत फूल,तितली,अनेक रंगीन फिजाओं से किया श्रृंगार,
प्रतीत होता कब से राह तकते अम्बर-धरा का ख़त्म हुआ इंतजारl

लहलहाती घास,पीली सरसों से सुंदरी रूप निखरा,
जैसे चारों तरफ से फैली खूबसूरत घटाओं ने घूंघट संवाराll

परिचय-तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं।यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। आपका  साहित्यिक उपनाम-तृष्णा है। जन्मतिथि २० जून १९८६ एवं जन्म स्थान-विदिशा(म.प्र.) है। वर्तमान में भोपाल के जनता नगर-करोंद में निवास है। प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है। एम.ए. और  पीजीडीसीए शिक्षित होकर फिलहाल डी.एलएड. जारी है। आप अधिकतर गीत लिखती हैं। एक साझा काव्य संग्रह में रचना प्रकाशन और सम्मान हुआ है। 

Leave a Reply