अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘विश्व मातृभाषा दिवस’ (२१ फरवरी) विशेष…
आओ,
सब मनाएं
‘विश्व मातृभाषा दिवस’,
भाषाएं बचाएं
संस्कृति।
भाषा,
सौहार्दता जरूरी
विलुप्त हुई तो,
कहाँ रहेगी ?
मनुजता।
मातृभाषा,
अपनी पहचान
कोई बैर नहीं,
देश शान
बोलें।
सरंक्षण,
बहुत जरूरी
भाग विरासत का,
करना होगा
रक्षण।
मातृभाषा,
विशिष्ट पहचान
मात्र भाषा नहीं,
है परम्परा
देशज।
आश्चर्यजनक,
बना खतरा
पचास साल में,
ढाईसौ भाषाएं
लुप्त।
भाषा,
यानि एकता
बनाएं हम वातावरण,
फैलाएं सोच
प्राथमिकता।
समाज,
संस्कृति-विकास
बोली-भाषा-जुड़ाव,
सब साथ
प्रगति।
वापस,
नहीं आते
जाने वाले कभी,
बचाएं-बढ़ाएं
भाषाएं।
सिखाएं,
प्राथमिकता मातृभाषा
निखरेगी प्रतिभा-योग्यता,
बढ़ेगी मौलिकता
रचनात्मकता॥