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मतदान

डॉ. सुनीता श्रीवास्तव
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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“क्यों बे मुकेश, कहाँ जा रहा है रे ? पता है! आज मतदान हैं!” सावित्री बाई ने हँसते हुए कहा।
“अरे सव्वि बाई सही पकड़ी है तू… पता है वो बगल वाला मिट्ठू सेठ का दोस्त ‘सुनील’ चुनाव लड़ रहा है। पता है “तुम मुझे वोट दो, मैं तुम्हें ५०० ₹ दूंगा!” का जोर-शोर से नारा लगा रहा है। अपन की तो लॉटरी लग गई!” मुकेश ने उत्सुकता से कहा।
फिर आगबबूला होकर सावित्री बोली-“क्यूँ बे बेअकल, एक बोट बर्बाद कर दियो न!!! अब वो नेता ५ करोड़ खाएगा और अपन सौ-दौसो लोगों को ५०० ₹ देगा। थोड़ा सोचता ना तू…।
पूरी जनता ने थोड़ी ना उसका भाषण सुना।”
मुकेश निराश होकर सावित्री की बात सुनता रहा…।
सावित्री गुस्सा ठंडा करके बोली-“पता है!, दूसरा नेता तो कह रहा था आजकल कागज़ी काम बहुत चल रहा है। बता रहा था, ‘घोषणा-पत्र’ नामक दस्तावेज होता है, जिसमें अगर कोई सरकार जीत जाती है तो उसके काम-काज के बारे में जानकारी लिखी होती है।
तो मोटा-मोटा अंदाज हो ही जाता है।”
मुकेश-“क्यों बे सव्वि, बड़ा ज्ञान आ गया है, कहीं ट्यूशन जा रही है क्या ?”
“अबे ट्यूशन-पढ़ाई छोड़।
मतदान से पहले घोषणा-पत्र देखता ना। अब जल्दी से साइकल से जा… और ठग्गू की अखबार की दुकान से सभी पार्टियों के घोषणा-पत्र ले आ।” सावित्री बोली।
मुकेश बोला-“अरे सव्वि, हम भी किसी से कम नहीं! तू रुक जरा, क्यों इतनी धूप में खून- पसीना एक करें ? ये देख, सेठ ने ये जो मोबाइल दिया है ना, इस पर गूगल है। यहाँ सब मिल जाता है। घोषणा-पत्र कोंसी बड़ी बात है!”
सावित्री-“शाबाश मुकेश!
चल अब एक काम कर सभी के नम्बर पर यह घोषणा-पत्र मतदान से पहले भेज दे।
शायद कोई का मतदान बच जाएगा ?”

परिचय-इंदौर (मप्र) निवासी डॉ. सुनीता श्रीवास्तव ने बी.-एससी. (वनस्पति विज्ञान-प्राणी विज्ञान), एमएसससी (रसायन शास्त्र), बी.एड. सहित पीएच.-डी. (हिन्दी साहित्य) एवं पत्रकारिता (डिप्लोमा) की शिक्षा प्राप्त की है। आप ‘शुभ संकल्प’ समूह की निर्देशिका, संस्थापक और सम्पादक हैं।
कई समाचार पत्रों में अनेक पदों पर १८ साल की पत्रकारिता की अनुभवी डॉ. श्रीवास्तव २ विद्यालय में जीवविज्ञान, एप्लाइड केमिस्ट्री और हिंदी साहित्य का अध्ययन कराने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में ८ साल का अनुभव रखती हैं। इनकी कई पुस्तक प्रकाशित हुई हैं, जिसमें प्रमुख-‘चिन्मय, बस्ती का दर्द, यथार्थ चित्रण, यथार्थ पीड़ा, उड़ान, शुभ संकल्प, चाह, सत्यमेव-जयते, दर्द व कसौटी’ हैं। देश-विदेश के कई साझा संकलन, पत्र- पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में आपकी कविता, आलेख व कहानी आदि प्रकाशित हैं। आपको कई सम्मान और श्रेष्ठ पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल द्वारा विशेष सम्मान, ‘चिन्मय’ में कहानी ‘बूढ़ा बचपन’ के लिए सृजन ऑस्ट्रेलिया ग्लोबल द्वारा ‘अंतराष्ट्रीय सृजन ऑस्ट्रेलिया पुरस्कार’ (२०१३), ‘ग्लोबल एक्सेलिंसी (जयपुर) अवार्ड- २०२३’, हिन्दी साहित्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने हेतु नेपाली राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से ‘अंतराष्ट्रीय भारत-नेपाल साहित्य रत्न सम्मान-२०१९’, नेशनल आर्ट्स एंड कॉमर्स यूनिवर्सिटी (श्रीलंका), वामा साहित्य मंच द्वारा काव्य पाठ हेतु, इंदौर लेखिका संघ, साहित्य रत्न पुरस्कार-२०२४, पद्मश्री मालती जोशी द्वारा २०१८ में, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शरद पगारे द्वारा कहानी ‘नई सोच’ की नाटक प्रस्तुति के लिए, कविता विधा में विशेष योगदान हेतु महात्मा गांधी काव्य संसद द्वारा ३ बार, पद्मश्री जनक पलटा द्वारा और महिला सशक्तिकरण के लिए भी कई संस्थाओं आदि से सम्मानित किया गया है। आपकी विशिष्ट उपलब्धि देखें तो ‘इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल’ में वक्तव्य, ५ देशों में अंतर्राष्ट्रीय साहित्य संगोष्ठी का आयोजन, काठमांडू में अंतर्रा. साहित्य संगोष्ठी (नेपाल से ५५० से अधिक साहित्यकार सम्मिलित), दुबई में शुभ संकल्प द्वारा प्रवासी भारतीय साहित्यकारों की काव्य-गोष्ठी-सम्मान समारोह तथा श्रीलंका में अंतराष्ट्रीय साहित्य संगोष्ठी व इंडोनेशिया में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आदि आयोजित करना है। ऐसे ही ५०० से अधिक आभासी एवं १०० से अधिक ऑनलाइन स्पर्धा भी करवाई हैं। सामाजिक व साहित्यिक सेवा के अंतर्गत आप समूह द्वारा जरूरतमंद बच्चों को हिंदी साहित्य की पुस्तकें नि:शुल्क भेंट कर चुकी हैं तो पुस्तकें भी प्रकाशित करवाई। प्रतिवर्ष प्रशंसनीय महिलाओं को ‘गौरव रत्न सम्मान’ तथा ‘महिला शक्ति सम्मान’ से सम्मानित भी करती हैं।