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‘मधुरदीप के पत्र मेरे नाम’ पुस्तक लोकार्पित

रोहतक (हरियाणा)।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मधुकांत की १८३वीं पुस्तक ‘मधुरदीप के पत्र मेरे नाम’ का लोकार्पण मुख्य अतिथि डॉ. उषा लाल, विशिष्ट अतिथि डॉ. सुचिस्मिता (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय) व डॉ. अशोक मंगलेश ने किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष साहित्यकार योगराज प्रभाकर, प्रेरणा संस्थान के संस्थापक डॉ. जय भगवान सिंगला, डॉ. मधुरकांत व श्रीमती आशा सिंगला की उपस्थिति में साहित्यिक मंच रोहतक के संयुक्त तत्वाधान में मधुदीप जयंती के अवसर पर हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकुला द्वारा सूर पुरस्कार से सम्मानित डॉ. मधुकांत की इस पुस्तक को विमोचित किया गया।

इसमें मधुदीप के प्रेरणादायक पत्रों का संकलन है। वर्तमान समय में पत्रों का प्रचलन बहुत न्यून हो गया है, इस प्रसंग में एक साहित्यकार का दूसरे साहित्यकार को लिखे पत्रों को पढ़ना भी बहुत रोचक एवं प्रेरक होता है। कार्यक्रम में वैश्विक लघुकथा स्पर्धा के पुरस्कार विजेताओं व वरिष्ठ लघुकथाकारों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो. रूप देवगुण, राजकुमार निजात, ज्ञान प्रकाश पीयूष, डॉ. अशोक भाटिया, डॉ. रमाकांता, हरियाणा कला परिषद से हरिकेश परोसा आदि गणमान्य व्यक्ति सम्मिलित हुए।

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