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मर्यादा में रहना

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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भगवान् राम के गुरु ने जो ज्ञान दिया है,
हम सबने श्रीराम प्रभु से सीख लिया है
श्रीराम जी ने बताया है, मर्यादा में रहना,
मर्यादा में बहुत शक्ति है, नहीं भूलना।

हम भारतीय भी, मर्यादा में ही रहेंगे,
राम जैसी मृदुल भाषा, सबसे कहेंगे
बैर-भाव को, अन्तरात्मा से मिटाकर,
फूल माला की तरह रखेंगे मिलाकर।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र बोले हैं,
ज्ञान पुस्तकों में भी, प्रेम रस घोले हैं
मधुर शब्द से ज्ञान की गंगा बहाए,
ऋषि-मुनि भी इसी गंगा में नहाए।

भगवान रामचंद्र के पथ पर चलना है,
एकता की ज्योति जलाकर रखना है।
माता-पिता की आज्ञा पालन करना,
सीख लिए भारतीय, मर्यादा में रहना है॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |