पूनम दुबे
सरगुजा(छत्तीसगढ़)
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माता रानी दर पे आए,
छोड़ आए हम सारे झमेले
अब तू हमको शरण रख ले,
निज चरणों में ले ले।
माता रानी…
कर त्रिशूल तलवार चमके,
गले में सुन्दर हार दमके
माथे पर बिंदिया कुमकुम,
सिर पर माँ मुकुट लुभावे
सजा हुआ दरबार है माँ,
भक्तों के लगे हैं मेले।
माता रानी…
तेरे दर पर जो भी आए,
भर कर झोली घर वो जाए
माँ हमें तू दर्शन दे दे,
हम भी खड़े हैं सर झुकाए
करती हूँ गुणगान मैं तेरा,
हर तरफ खुशियों के मेले
भक्तों के लगे हैं मेले।
माता रानी…
जय जननी भवानी माता,
जय जननी प्रतिपाली
शुंभ निशुंभ बिदारिणी माँ,
बल बुद्धि विद्या प्रदान करो
दुष्टों का संहार करो,
सभी पे अपनी कृपा करो
छाई है खुशियों की बहारें।
माता रानी…॥
परिचय-श्रीमती पूनम दुबे का बसेरा अम्बिकापुर,सरगुजा(छत्तीसगढ़)में है। गहमर जिला गाजीपुर(उत्तरप्रदेश)में ३० जनवरी को जन्मीं और मूल निवास-अम्बिकापुर में हीं है। आपकी शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत विशारद है। साहित्य में उपलब्धियाँ देखें तो-हिन्दी सागर सम्मान (सम्मान पत्र),श्रेष्ठ बुलबुल सम्मान,महामना नवोदित साहित्य सृजन रचनाकार सम्मान( सरगुजा),काव्य मित्र सम्मान (अम्बिकापुर ) प्रमुख है। इसके अतिरिक्त सम्मेलन-संगोष्ठी आदि में सक्रिय सहभागिता के लिए कई सम्मान-पत्र मिले हैं।