कुल पृष्ठ दर्शन : 194

You are currently viewing माँ सिद्धिदात्री

माँ सिद्धिदात्री

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`
दिल्ली
**************************************

माता के नौ रंग (नवरात्रि विशेष)…

नवम रूप है मातु दुर्गा का,
माँ सिद्धिदात्री सबको मोहे
सिद्धिदायिनी सिद्धि दो माँ,
कलुष दूर हो सत्पथ सोहे।

कन्या पूजन से खुश होकर,
करें कामना पूरी वे सबकी
करते कर जोड़े सब विनती,
करो मनोरथ पूरण अबकी।

हर छह माह पर माता की,
हो व्याकुल राह सब जोहें
चतुर्भुजी माँ रूप सरस्वती,
कमलपुष्प आसन पर सोहे।

शंख चक्र औ गदा धारिणी,
देख निशाचर भागें डर के
मनवांछित फल सबको ही,
देती माता हैं झोली भर के।

है रूप मनोहर शोभाशाली,
करुणामयी ये मातु हमारी।
देव मनुज सब पूजे माँ को,
जाते त्रिदेव उनपे बलिहारी॥

परिचय-आप वर्तमान में वरिष्ठ अध्यापिका (हिन्दी) के तौर पर राजकीय उच्च मा.विद्यालय दिल्ली में कार्यरत हैं। डॉ.सरला सिंह का जन्म सुल्तानपुर (उ.प्र.) में ४अप्रैल को हुआ है पर कर्मस्थान दिल्ली स्थित मयूर विहार है। इलाहबाद बोर्ड से मैट्रिक और इंटर मीडिएट करने के बाद आपने बीए.,एमए.(हिन्दी-इलाहाबाद विवि), बीएड (पूर्वांचल विवि, उ.प्र.) और पीएचडी भी की है। २२ वर्ष से शिक्षण कार्य करने वाली डॉ. सिंह लेखन कार्य में लगभग १ वर्ष से ही हैं,पर २ पुस्तकें प्रकाशित हो गई हैं। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। कविता (छन्द मुक्त ),कहानी,संस्मरण लेख आदि विधा में सक्रिय होने से देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख व कहानियां प्रकाशित होती हैं। काव्य संग्रह (जीवन-पथ),२ सांझा काव्य संग्रह(काव्य-कलश एवं नव काव्यांजलि) आदि प्रकाशित है।महिला गौरव सम्मान,समाज गौरव सम्मान,काव्य सागर सम्मान,नए पल्लव रत्न सम्मान,साहित्य तुलसी सम्मान सहित अनुराधा प्रकाशन(दिल्ली) द्वारा भी आप ‘साहित्य सम्मान’ से सम्मानित की जा चुकी हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को दूर करना है।

Leave a Reply