कुल पृष्ठ दर्शन : 323

माँ

विजय कुमार
मणिकपुर(बिहार)

******************************************************************

माँ नहीं होती
संसार नही होता,
पर्वत से भी ऊंचा
चाँद नहीं होता।

सूरज की किरणों में
प्रकाश नहीं होता,
आसमान से पानी की
बरसात नहीं होती।

न कहीं राम होता
न कहीं श्याम होता,
हर जगह सुनसान ही
सुनसान होता।

समुंदर की लहरें
आसमान को छूती,
धरती का पता नहीं
धुँए से भरा जहां होता।

ना कोई सृष्टि होती
न कोई इंसान मिलता,
माँ नहीं होती तो
संसार नहीं होता॥

परिचय-विजय कुमार का बसेरा बिहार के ग्राम-मणिकपुर जिला-दरभंगा में है।जन्म तारीख २ फरवरी १९८९ एवं जन्म स्थान- मणिकपुर है। स्नातकोत्तर (इतिहास)तक शिक्षित हैं। इनका कार्यक्षेत्र अध्यापन (शिक्षक)है। सामाजिक गतिविधि में समाजसेवा से जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता एवं कहानी है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा जानने वाले विजय कुमार की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समस्याओं को उजागर करना एवं जागरूकता लाना है। इनके पसंदीदा लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ हैं। प्रेरणा पुंज-खुद की मजबूरी है। रूचि-पठन एवं पाठन में है।

Leave a Reply