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रचना पाठ के साथ पुस्तक लोकार्पित

इंदौर।

२० अप्रैल शनिवार को देवी अहिल्या केन्द्रीय पुस्तकालय में जनवादी लेखक संघ के मासिक रचना पाठ के ६६ वें क्रम में सिंधी के वरिष्ठ कवि चुन्नीलाल वाधवानी की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘रंडा रोड़या जन’ का लोकार्पण किया गया,जिसमें उनके १०४० तन्हा (एक पंक्ति की कविता) हैं। इस मौके पर आपने चुनिंदा तन्हा का पाठ किया जो श्रोताओं द्वारा सूत्र कविताओं की तरह सराही गई।
पुस्तक लोकार्पण के अतिरिक्त इस कार्यक्रम में रचना पाठ था। इसमें आतिश इन्दौरी और मुकेश इन्दौरी ने अपनी ताज़ा ग़ज़लों के कुछ शेर पढ़े। वरिष्ठ कवि प्रदीप कान्त ने एक ताज़ा ग़ज़ल और नवगीत का पाठ किया। देवेंद्र रिणवा ने रंग जब बोलते हैं,शिरीन भावसार ने दो कविताएँ धरा और प्रतीक्षा,वेद हिमांशु ने आका ऐसा तय करो शीर्षक से कविताएँ पढ़ी। प्रदीप मिश्र ने कवि नहीं,अकवि सही और रजनी रमण शर्मा ने उसने कहा शीर्षक से कुछ कविताएँ पढ़ी। प्रदीप ‘नवीन’ ने एक आधुनिक सरस्वती वंदना पढ़ी। पद्मा सिंह ने पत्थर का दिल धड़कता है शीर्षक से निबंध,आनन्द व्यास ने मार्केट शेयर और फासला शीर्षक से लघुकथाएँ,नियति सप्रे ने एक छोटा-सा ख्वाब शीर्षक से व्यंग्य का पाठ किया। विनीत तिवारी व सूर्यकांत नागर ने अपने व्यंग्यों का पाठ किया।


इन सभी रचनाओं को श्रोताओं ने सराहा।
कार्यक्रम में रमणिका गुप्ता और कवि प्रदीप चौबे को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संचालन प्रदीप मिश्र ने किया। आभार देवेंद्र रिणवा ने माना।

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