प्रो. पुष्पिता अवस्थी
नीदरलैंड्स
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राष्ट्रीय-ध्वज-तिरंगा-
स्वदेश का सजीला पासपोर्ट है,
जिसके चक्र से संबद्ध है हमारी चेतना।
निज वैभव को झेलता है-
देश-विदेश की चुनौतियों,
अहिंसा की सत्याग्रही कीर्ति के साथ।
राष्ट्रीय-धवज-तिरंगा,
राष्ट्रीय के शहीदों द्वारा लिखा,
आजादी का स्वदेशी ‘वेद ग्रंथ’ है।
जिसकी ऋचाएँ लिखी है-राष्ट्र भक्तों ने-
भारतीय तिरंगे में समाविष्ट है स्वदेश की,
ज्ञानेंद्रियां वात्सल्य का देश-राग।
मातृभूमि की शक्ति और ममता सरीखा-
राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्र का ईश्वर है।
इसके प्रति भक्ति ही तिरंगे के बीजक मंत्र हैं॥
(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुम्बई)