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वंदे मातरम

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

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वंदे मातरम,वंदे मातरम,
वंदे मातरम प्यारे वतन।
मेरा भारत आन है मेरी,
इसको बारम्बार नमन॥
सदियों पहले देश हमारा,
जगत गुरु कहलाता था।
ज्ञान,भक्ति और कर्मयोग का,
सारे जग का दाता था॥
पर कुछ गद्दारों के कारण,
अपना मुल्क गुलाम हुआ।
कई बार इनके ही कारण,
भीषण कत्ले आम हुआ॥
आओ आज सभी मिल करते,
गायन,वंदन,आराधन।
मेरा भारत आन है मेरी,
इसको बारम्बार नमन॥
आज जरूरत हमें देश में,
सच्चे वीर जवानों की।
खुद भी सुनें,सुनाए सबको,
गाथाएं बलिदानों की॥
जीना,मरना,सभी राष्ट्र हित,
हर दिल की आवाज़ हो।
जियो और जीने दो सबको,
यह युग का आगाज हो॥
जय जवान,और जय किसान से,
जय विज्ञान गान गुंजन।
मेरा भारत आन है मेरी,
इसको बारम्बार नमन॥
शिव दाधीच,गौतम गांधी की,
आत्मा तुम्हें बुलाती है।
सीता,सावित्री,दुर्गा,की,
रूह भी टेर लगती है॥
स्वप्न छोड़कर,डोर थाम लो,
अब अपने अभियान की।
बज्र,शक्ति,संकल्प जगाकर,
गति रोको तूफान की॥
फिर कान्हा की मुरली गूँजे,
काली दह में दुष्ट दलन।
मेरा भारत आन है मेरी,
इसको बारम्बार नमन॥
सबका मालिक एक यहाँ तो,
फिर यह भेदभाव कैसा।
जात,पात,और ऊँच-नीच का,
फिर यह दुष्प्रभाव कैसा॥
हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई,
यदि सब भाई-भाई है।
तब ये ओछी घृणित हरकतों,
ने क्यों धाक जमाई है॥
करनी-कथनी एक करो अब,
बहुत हो गया छदम छलन।
मेरा भारत आन है मेरी,
इसको बारम्बार नमन॥

परिचय-रायपुर में  बैंक में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत अमल श्रीवास्तव का वास्तविक नाम शिवशरण श्रीवास्तव हैl`अमल` इनका उपनाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैl अमल जी का जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैl आपने गणित विषय से बी.एस-सी.की करके बैंक में नौकरी शुरू कीl आपने तीन विषय(हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. भी किया हैl आपने रामायण विशारद की भी प्राप्त की है,तो पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैl भारतीय संगीत में आपकी रूचि है,इसलिए संगीत में कनिष्ठ डिप्लोमा तथा ज्योतिष में भी डिप्लोमा प्राप्त किया हैl वर्तमान में एम्.बी.ए. व पी-एचडी. जारी हैl शतरंज के उत्कृष्ट खिलाड़ी,वक्ता और कवि श्री श्रीवास्तव कवि सम्मलेनों-गोष्ठियो में भाग लेते रहते हैंl मंच संचालन में महारथी अमल जी लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैl देश के नामी पत्र-पत्रिका में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंl रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैl विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े होकर प्रांतीय पदाधिकारी भी हैंl गायत्री परिवार से भी जुड़े होकर कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैंl महत्वपूर्ण उपलब्धि आपके प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म. प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन सहित राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना हैl

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