इंदौर (मप्र)।
कालजयी रचनाकार स्मरण की दूसरी श्रृंखला में ११ अप्रैल को बंकिमचन्द्र चटर्जी का सादर स्मरण किया गया। उनके द्वारा रचित ‘वन्दे मातरम्’ पर चर्चा हुई।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ सम्पादक कृष्णकुमार अष्ठाना ने कहा कि, आज का कार्यक्रम प्रेरणा प्रदान करने तथा ऐसे मनीषियों को, जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उन्हें सादर स्मरण कर देशभक्ति जागृत करना है। रचनाकार गिरेन्द्रसिंह भदौरिया ने ‘वन्दे मातरम्’ गीत प्रस्तुत किया। विकास मिश्र ने कविता सुनाई। सम्पादक-प्रकाशक अश्विन खरे ने ‘वन्दे मातरम्’ की रचना के इतिहास पर विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर राकेश शर्मा, हरेराम वाजपेयी, डॉ. पुष्पेन्द्र दुबे, प्रदीप नवीन, वाणी जोशी, मुकेश तिवारी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की रूपरेखा साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने बताई और संचालन किया। आभार अर्थमंत्री राजेश शर्मा ने व्यक्त किया।