राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड)
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जग में है जी भाषा अनेक,
पर लगती एक ही प्यारी है
इसके अलावा न भाता कोई,
हिन्दी हमारी सबसे न्यारी है।
जग में है जी अनेक मंच,
नहीं कोई किसी से है कम
हमारे मंच में है अनोखा दम,
अपना हिंदीभाषा डॉट काॅम।
कई देशों में है बोलबाला,
कई देशों से सम्मान मिला
सिलसिला यही हम चलाएंगे,
पुनः आगे ही आगे बढ़ाएंगे।
देखो आज हमारे हुए चार साल पूरे,
पाँचवें में हम सफल कदम बढ़ाते हैं
मंच सह पाठकों के सपने रहें न अधूरे,
ईश्वर से बस यही प्रार्थना दोहराते हैं।
हिन्दी और हिंदीभाषा डॉट काॅम,
लेकर दौड़ चले हैं मिलकर हम
न रुकेंगे न झुकेंगे,बढ़ाएंगे कदम,
विश्व में इसका लहराएंगे परचम।
आओ सब मिलकर करें गुणगान,
विश्व में फैले हिन्दी और मंच महान।
बधाई,हिंदी और हिंदीभाषा डॉट काॅम,
इनके तले सदैव गौरवान्वित रहेंगे हम॥
परिचय– साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैL जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैL भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैL साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैL आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैL सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंL लेखन विधा-कविता एवं लेख हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैL पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंL विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।