कुल पृष्ठ दर्शन : 136

You are currently viewing वीर महाराणा प्रताप पर हुआ शानदार कवि सम्मेलन

वीर महाराणा प्रताप पर हुआ शानदार कवि सम्मेलन

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी…

नागदा (मप्र)।

संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन उद्घोष का आयोजन किया गया। संगोष्ठी ‘स्वातंत्र्य वीर महाराणा प्रताप और उनका योगदान’ पर थी। मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्रवासी साहित्यकार सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक(ओस्लो,नॉर्वे) थे। इस मौके पर अनेक कवियों ने वीर राणा पर एक से बढ़कर एक काव्य प्रस्तुति दी।
आयोजन में प्रमुख वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय, (उज्जैन) के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा थे। विशिष्ट अतिथि प्रवासी साहित्यकार डॉ. अंजना संधीर(यूएसए),प्राचार्य डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख(पुणे),साहित्यकार हरेराम वाजपेयी, (इंदौर) एवं राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी थे। अध्यक्षता साहित्यकार श्रीमती सुवर्णा जाधव (मुंबई) ने की। संगोष्ठी का सूत्र संयोजन डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक(रायपुर) ने किया। अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन ‘उद्घोष’ में देश-दुनिया के अनेक रचनाकारों ने महाराणा प्रताप पर केन्द्रित बेहतरीन कविताएं सुनाईं।
मुख्य अतिथि श्री शुक्ल ने कविता सुनाई,-‘आँखों में आँखें डाल कर,त्याग में अग्नि की वे मिसाल हैं।’
डॉ. संधीर ने ‘हल्दीघाटी पुकारती है’ सहित ‘पवन वेग से उड़ता था जिसका घोड़ा,इतिहास में छपा हुआ नाम बहुत थोड़ा।’ आदि कविताएं सुनाईं।साहित्यकार श्रीमती सुवर्णा जाधव ने कविता सुनाई,-‘रणबांकुरे भारत के रणबांकुरे,शत-शत तुम्हें नमन। तुम्हारी बस यही तमन्ना,तिरंगा चूमता रहे गगन।’ सम्मेलन में साहित्यकार श्री वाजपेयी ने काव्य पंक्ति सुनाईं,-‘हारा नहीं कभी जो रण में,वही तो राणा प्रताप है।’ श्रीमती ज्ञानवती सक्सेना ‘ज्ञान’ (जयपुर) ने कविता-‘वीर शिरोमणि अमर सपूत महाराणा प्रताप कहलाता था।’ सुनाई तो
प्रियंका सोनी ने मुक्तक ‘हर दिल अजीज ही नहीं, अरमान बन गए। आप महाराणा राष्ट्र की पहचान बन गए।’ प्रस्तुत किए। डॉ. शैल चंद्रा(धमतरी) ने राणा प्रताप पर केंद्रित कविता-‘हे महान राणा प्रताप तुम्हारा प्रताप प्रबल है तुम्हें शत-शत नमन है। हे भारत के वीरों तुम्हें शत-शत नमन,तुमने ही बचाया है देश का अमन।’ सुनाई।
डॉ रश्मि चौबे,भुवनेश्वरी जायसवाल,डॉ.ममता झा,
डॉ. अपर्णा जोशी,नीतू पांचाल सहित डॉ. पूर्णिमा कौशिक,अल्पा मेहता,डॉ. रोहिणी डाबरे एवं
श्रीमती अनिता मंदिलवार ‘सपना'(छत्तीसगढ़) ने आल्हा छंद में राणा प्रताप पर कविता सुनाई।
प्रारंभ में सरस्वती वंदना डॉ. रश्मि चौबे ने की। स्वागत भाषण व स्वागत गीत डॉ. रूली सिंह(मुंबई) ने प्रस्तुत किया। आयोजन में अनेक शिक्षाविद, साहित्यकार,संस्कृतिकर्मी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे। संचालन डॉ. कौशिक ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ. बालासाहेब तोरस्कर ने किया।

Leave a Reply