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शिक्षक ही पथ प्रदर्शक

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’
बरेली(उत्तरप्रदेश)
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गुरु पूर्णिमा विशेष……….

शिक्षक हमें पढ़ाता और शिक्षक ही संवारता है,
शिक्षक ही तो उचित ज्ञान हम पर वारता है।
हमें देता है वह एक सही दिशा और सम्मति-
जीवन नव निर्माण लिये शिक्षक ही सुधारता है॥

माता-पिता और गुरु हमारे जीवन के निर्माता हैं,
जान लीजिये-यही तीनों ही हमारे भाग्य विधाता हैं।
माँ तो होती है बच्चों की,प्रथम शिक्षक और पालक-
शिक्षक ही हमारा पथ प्रदर्शक और ज्ञानदाता है॥

शिक्षक ही हमें विषयों का,सही ज्ञान बताता है,
वही नैतिकता ओ मानवता का पाठ भी पढ़ाता है।
गुरु ऋण से अवमुक्त हो नहीं सकते हैं जीवनभर-
शिक्षक ही हमारे भविष्य का निर्माण कराता है॥

गुरुजनों का आदर तुम,जीवन भर करते रहना,
उनके आशीष वचनों से,जीवन अपना गढ़ते रहना।
उनके आशीर्वाद का हर कण तुम्हारा सफलता मंत्र-
अपने गुरुजनों का आभार,जीवनभर करते रहना॥

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