राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड)
**************************************************************************
रामनवमी की आपको बहुत बहुत बधाई,
रामनवमी की आपको बहुत बहुत बधाई।
खुशियां मिलें जग में यही प्रार्थना रघुराई,
साथ रहे सभी जन जैसे हो अयोध्या के चारों भाई।
रामनवमी की आपको बहुत बहुत बधाई॥
हुआ है अवतरण आज हमारे प्रभु राम का,
करें त्याग काम क्रोध लोभ कर्कश वाणी का।
हो आत्मसाथ सत्य अहिंसा मधुर वाणी का,
बन पाऊं यदि कारन आपकी खुशी का।
होगी सच्ची आराधना वही प्रभु राम की॥
रामनवमी है बड़ा ही पावन त्योहार,
सिखाता हमें कभी ना मानें हार।
अपनों की बात क्या दुश्मनों से करें प्यार,
निःसहायों की करें सहायता,
और निर्बलों को करें दुलार॥
रामजी है कर्तव्यपरायण के प्रतीक,
बनायें हम राम समान अपना चरित्र।
भाई बनें तो नेक भरत-सा दिखें,
भक्ति करने में हनुमान से सीखें॥
त्रेता के रावण में भी तो अच्छाई थी,
तभी सीता जी बची लंका में सच्चाई थी।
आज मौजूद है हर दिल में रावण,
पकड़ लियें हैं सभी स्वार्थ का दामन।
संकल्प लें करें सब इसका दमन॥
आज के राम कहाँ वन जा पाते हैं,
स्वार्थवश अपने पिता को ही भूल जाते हैं।
भाई ही तो भाई को कोर्ट घसीट लाते हैं,
सेवक भी विपक्षों से नाता जोड़ आते हैं।
राजा भी तो प्रजाहित को काट खाते हैं॥
जन-जन से ‘राजू’ कहे एक ही सार,
मिलकर करें प्रभु से यह पुकार।
बुरी शक्तियाँ सब हो जाये बेकार,
सपनों का भारत हो साकार।
हमारे सपनों का भारत हो साकार॥
परिचय-साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैl जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैl भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैl साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैl आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैl सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंl लेखन विधा-कविता एवं लेख हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैl पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंl विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।