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सबसे पवित्र नाम ‘राम’

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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जगत में सबसे पवित्र नाम ‘राम’ का नाम है,
अन्त क्षणों में मुक्ति के धाम का भी काम है।

नित्य प्रभात की बेला में राम नाम जप लेना है,
अन्तर्मन पवित्र होगा, परम सत्य है भज लेना है।

मात्र राम का नाम ही, भवसागर से पार करेगा,
वरना नरक कुंड में ही जा के, वहाँ डूब के सड़ेगा।

मानव तन पाया है तब धर्म-कर्म सभी करना है,
ऊँच-नीच, जात-पात का भेद कभी नहीं रखना है।

हाँ, यह मिट्टी का तन है, पर रोग से बचाना है,
धन कमाने की राह में, रोगी नहीं बन जाना है।

ज़िन्दगी अनमोल है संभाल करके है रखना,
तन में ना कुल में दाग लगे, ख्याल है रखना।

लाख दवा की एक दवा, धर्म पथ पर चलना है,
लाख दुआ की एक दुआ है, राम नाम जपना है।

जगत पिता महादेव, श्री राम से प्रेम करते हैं,
राम नाम सुनने के लिए, वे श्मशान में रहते हैं।

जप ले बन्दे राम नाम, जन्म सफल हो जाएगा,
प्रेम का बंधन फंदा है छुटकारा भी मिल जाएगा।

जन्म लिया है बन्दे तो एक दिन मौत आएगी,
बेटे के लिए बेटी को मारा, वही आग लगाएगी।

सोने का सिंहासन, राज-ताज,काम नहीं आएगा,
वक्त के पूरा होते ही यमराज, तुझे लेने आएगा।

राम का नाम बीच भंवर में डुबोने नहीं देगा नईया,
साक्षात प्रभु रामजी बन जाएंगे नाव का खेवईया।

धर्म काँटे में जब पाप-पुण्य तेरा तौला जाएगा,
तब राम नाम की जपी माला, धर्म को बढ़ाएगा।

तेरे जैसे लाखों आए, लाखों इस माटी में समाए,
जो राम का नाम जपे, उसकी नैया बढ़ती जाए॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |

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