कुल पृष्ठ दर्शन : 273

साथ निभाते हैं नयन

डॉ.पूर्णिमा मंडलोई
इंदौर(मध्यप्रदेश)

*****************************************************

सुन्दर प्रकृति का एहसास कराते हैं नयन,
बिना शब्द के बातें करते हैं ये नयनl

खुशी,प्रेम,घृणा,क्रोध,भावों की
अनुभूति कराते…. हैं ये नयन,
इनकी देख-रेख ठीक से करो
तो उम्रभर साथ निभाते हैं ये नयनl

बाल्यावस्था में मिचमिचाते हैं नयन
किशोरावस्था में ख्वाब सजाते हैं नयन,
वयस्कों मे कमजोर हो जाते हैं नयन
वृद्धावस्था में धुंधले हो जाते हैं नयनl

कभी खुशी-कभी गम में भीग जाते हैं नयन
अपनों को देख मुस्काते हैं,
जाने पर नम हो जाते हैं नयन
गर धूल के कण आ जाएँ तो,
पानी-पानी हो जाते हैं नयनl

प्यार में अपनापन दिखाते हैं
सवाल पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं,
कभी विचारों में खो जाते हैं
मन का दर्पण कहलाते हैं नयनl

मरणोपरांत इन्हें दान करो तो
पुनः जीवित हो जाते हैं नयनl
किसी जरूरतमंद को उम्रभर,
दुनिया के दर्शन कराते हैं ये नयनll

परिचयडॉ.पूर्णिमा मण्डलोई का जन्म १० जून १९६७ को हुआ है। आपने एम.एस.सी.(प्राणी शास्त्र),एम.ए.(हिन्दी), एम.एड. करने के बाद पी.एच-डी. की उपाधि(शिक्षा) प्राप्त की है। वर्तमान में डॉ.मण्डलोई मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित सुखलिया में निवासरत हैं। आपने १९९२ से शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर लगातार अध्यापन कार्य करते हुए विद्यार्थियों को पाठय सहगामी गतिविधियों में मार्गदर्शन देकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाई है। विज्ञान विषय पर अनेक कार्यशाला-प्रतियोगिताओं में सहभागिता करके पुरस्कार प्राप्त किए हैं। २०१० में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान(जबलपुर) एवं मध्यप्रदेश विज्ञान परिषद(भोपाल) द्वारा विज्ञान नवाचार पुरस्कार एवं २५ हजार की राशि से आपको सम्मानित किया गया हैl वर्तमान में आप जिला शिक्षा केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर सहायक परियोजना समन्वयक के रुप में सेवाएं दे रही हैंl कई वर्ष से लेखन कार्य के चलते विद्यालय सहित अन्य तथा शोध संबधी पत्र-पत्रिकाओं में लेख एवं कविता प्रकाशित हो रहे हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य अपने लेखन कार्य से समाज में जन-जन तक अपनी बात को पहुंचाकर परिवर्तन लाना है।

Leave a Reply