एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)
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आज सूरज की बान का अंदाज़ अलग,
कभी खुशियों की मुस्कान
कभी नई सुबह,कहीं कुछ खो जाने की कशमकश,
विरोधाभास की सुबह!
ब्राह्मण के संतुलन की शक्ति,
सृष्टि की निरन्तरता
शाश्वत सत्य की अभिव्यक्ति,
नारी शक्ति!
प्रातःप्रभात का प्रखर प्रभाकर,
प्रवाहमान है प्रथम लाली
दिनकर की रक्त-सी किरणें,
लगता वर्तमान आज ठहर गया
अतीत के अपने ही सफर में,
साक्षी हो सहम सा गया
कभी अट्टहास,
कभी अभिमान अहंकार से
भारत में गुजरे लम्हों-सा,
अपने वर्तमान की नज़रों से
देखता वल्लभ के पराक्रम का,
सरदार आज के युग का
उचित दृष्टि,
दृष्टिकोण के साथ
उद्देश्य व्यवहार!
शौर्य का सूर्य है,
चमकता-दमकता-धमकता
युग ब्रह्मांड की घड़ी,
पल प्रहर दिन महीने वर्ष
वर्तमान की चुनौती,
निर्माताओं का मज़बूत आधार
अपेक्षा प्रेरणा का भविष्य,
भविष्य के निर्माण के पथ का युग
युग का अभिमान,
आशाओं की जमीं आसमान
साधुवाद है साहस का,
उत्कृष्ट उत्कर्ष की ऊर्जा का उल्लास
उत्साह उमंग की तरंग का,
जांबाज़ विजेता का पुरुषार्थ
युवा समाज,
उन्नत राष्ट्र युग की बुनियाद
परिभाषा पहचान!!
परिचय-एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम पीताम्बर है। इनकी जन्मतिथि १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन,बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।