बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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सूझ-बूझ से काम को,करना सबको यार।
काम बिगड़ जाते सभी,दिन होता बेकारll
करो मेहनत हो लगन,मन में सोच विचार।
होता रोशन नाम फिर,गुण गाते संसारll
सूझ-बूझ अपनाय से,काम होय आसान।
सावधान रहना सभी,मत बनना नादानll
सूझ-बूझ मन में रखो,मिले सफलता हाथ।
सबसे हिल-मिल चाहिए,इक-दूजे का साथll
धर्म-कर्म विश्वास कर,पथ पर बढ़ना आज।
मिले जहां खुशियाँ सभी,और बने सब काजll