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सोच उत्तम रहे

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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धैर्य, संयम और परिश्रम से,
सुन्दर सोच का आगाज़ हो
उन्नति और प्रगति पथ पर,
आगे बढ़ने के लिए
इस रस्म को लेकर,
न कहीं विवाद हो।

उत्तम सोच हमें बड़ा बनाती है,
अपने मुकाम पर पहुंचाती है
खामियों को दूर करने में,
कोई शिकवा-शिकायत ठीक नहीं
कमियों को दूर करने पर,
विचार करना चाहिए,
आगे बढ़ने के लिए
इस दस्तूर पर अमल करते रहना चाहिए।

अच्छी सोच जीवन का निर्माण करती है,
सफलता और समृद्धि को पास करती है
अच्छी सोच जीवन को सार्थक बनाती है,
प्रगति पथ पर बढ़ने में रूकावटें खत्म कर
सही रास्ते पर चलने की सीख,
सुगम और सरल रास्ता बताती है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।