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स्त्री स्वयं सिद्धा,बनाती रही है अपने रास्ते-सुमित्रा महाजन

अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम

इंदौर (मप्र)।

स्त्री स्वयं सिद्धा है और मर्यादा के मार्ग से अपने रास्ते बनाती रही है। स्त्री से अधिक सामंजस्य की परिभाषा कौन जानता है,वह सामंजस्य सहजता से साधती है। यह सामंजस्य ही समाज में संतुलन ला सकता है।
वामा साहित्य मंच और घमासान डॉट काम के तत्वावधान में अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम का रंगारंग शुभारंभ करते हुए यह बात उद्घाटन सत्र में में अतिथि के तौर पर लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कही। साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में देशभर से साहित्यकार,कहानीकार और लघु कथाकार आए।
शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विमला व्यास,अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे भी मौजूद रहे। स्वागत उद्बोधन पद्मा राजेंद्र ने दिया। समागम की वार्षिक रिपोर्ट ज्योति जैन ने प्रस्तुत की। स्वागत वामा अध्यक्ष अमर चड्ढा, शिवानी राठौर व राजेश राठौर ने किया। सत्र का संचालन गरिमा दुबे ने किया।
केंद्रीय विषय ‘बदलते समय के साथ सामंजस्य और स्त्री’ पर अतिथि डॉ. दवे ने भारतीय स्त्री स्वतंत्रता को पश्चिम आयातित विचारों से बचने की सलाह दी। डॉ. व्यास ने स्त्री अस्मिता को तेजस्विता और सामंजस्य के साथ आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
द्वितीय सत्र के अंतर्गत ‘साहित्य सृजन में गुणवत्ता और मात्रा का संतुलन’ विषय पर परिचर्चा में अतिथि वक्ता निर्मला भुराड़िया ने कहा कि बेस्ट सेलर जैसी कोई चीज नहीं होती है। मालिनी गौतम ने कहा कि टिकेगा वही जिसमें गुणवत्ता होगी। इस सत्र का संचालन निधि जैन ने किया।
सुभद्रा कुमारी चौहान स्मृति समागम के तीसरे सत्र में ‘आंचलिक बोलियों में स्त्री सशक्तिकरण के स्वर’ विषय पर प्रसिद्ध लेखिका विभा रानी ने कहा कि हम आंचलिक बोलियां अपनी माँ के मुख से सुनते हैं। स्त्री को अपनी बात कहने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।
इसी सत्र में ३ भाषाओं में सिद्धहस्त सरला जी ने कहा कि,आंचलिक बोली से स्त्री अपना महत्व सुंदरता से बयान करने की योग्यता रखती है। इस सत्र का संचालन संगीता परमार ने किया।

५ किताबें विमोचित

इस अवसर पर ५ किताबें विमोचित की गई। इसमें शीला श्रीवास्तव के उपन्यास ‘विश्वास’,मिष्टि स्वालानी के उपन्यास ‘सिंधु: अभिलाषित त्रिशूल’ एवं डॉ. चित्रा जैन का ‘कोई निखरे कोई बिखरे’ आदि पुस्तक का विमोचन हुआ।

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