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कविताओं का विषयों के आधार पर बंटवारा नहीं होना चाहिए

इंदौर (मप्र)।

कविताओं का विषयों के आधार पर बंटवारा नहीं होना चाहिए। कविता दो व्यक्तियों के बीच का वार्तालाप है, जिसे आप मुख्य रूप से शब्दों में पिरोते हैं।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग व हिंदवी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘कैंपस कविता कार्यक्रम’ में यह बात मुख्य कवि आशुतोष दुबे ने कही। कवि सोनल जी व अमर पांडे की मौजूदगी में कार्यक्रम की प्रथम श्रृंखला में श्री दुबे, सोनम जी और अमर पांडे द्वारा काव्य पाठ किया गया। श्री दुबे ने बे-टिकट, मरणासन्न जैसी अद्भुत कविताएं सभी के समक्ष रखी, वही सोनम जी ने उनकी कविताओं की श्रृंखला घूमी हुई वस्तु से सभी को भाव-विभोर कर दिया। अमर पांडे ने भी श्रृंगार रस पर आधारित कविताओं से विद्यार्थियों का ध्यान आकर्षित किया।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में कविता पाठ प्रतियोगी कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा काव्य पाठ किया गया। इसमें प्रथम स्थान अनुभूति निगम, द्वितीय स्थान प्रथमेश व्यास को मिला। इन सहित सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुन्दे ने आभार व्यक्त किया।