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हिंदी के लिए किया दिल्ली में उपवास

नई दिल्ली।

प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के संकल्प के अभियान निमित्त दिल्ली में कार्यक्रम किया गया। अभियान के अंतर्गत कवि संगम त्रिपाठी ने गांधी जयंती पर सांकेतिक उपवास रखा व महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। दूसरे चरण में करोलबाग में काव्य गोष्ठी आयोजित की गई।
इस आयोजन में राजघाट पर कवि प्रदीप मिश्रा ‘अजनबी’, सुधीर सिंह, ब्रम्हानंद तिवारी व कुमार आलोक ने गांधी जी को पुष्प अर्पित किए। सभा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा ‘आजाद’ नें बताया कि, प्रशासनिक व्यवस्था के कारण विचार व काव्य गोष्ठी डॉ. धर्म प्रकाश वाजपेयी के शिक्षण संस्थान (करोलबाग) में की गई। सभा व हिंदी विश्व संस्थान (दिल्ली)के संयुक्त तत्वावधान में आजादी के बाद हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने पर विचार व काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता डॉ. वाजपेयी ने की। मुख्य अतिथि संगम त्रिपाठी रहे। विशिष्ट आतिथ्य प्रदीप मिश्रा का रहा।
सर्वप्रथम श्री त्रिपाठी ने गांधी जी को माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डॉ. वाजपेयी ने संगम त्रिपाठी का स्वागत व अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। सभी कवि व कवयित्री को भी सम्मानित किया गया। विचार गोष्ठी में कुमार आलोक, डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव ‘अमल’, महिमा त्रिपाठी, सुधीर सिंह, प्रदीप मिश्रा, डॉ. वाजपेयी आदि ने विचार व्यक्त किए। हिंदी के प्रचार-प्रसार में गांधी जी के योगदान की व्याख्या भी की गई।
काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि शैल भदावरी ने की। प्रदीप मिश्रा के संचालन में सदाशिव बेगाना, कवयित्री सीमा शर्मा, डॉ. श्रीवास्तव सहित संगम त्रिपाठी आदि ने गीत, हास्य, व्यंग्य व वीर रस की कविताओं की धारा प्रवाहित कर सृजन को सार्थकता दी।
डाॅ. वाजपेयी ने अपने वक्तव्य में संगम त्रिपाठी के अभियान की सराहना की और समर्थन किया।

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