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हिन्दी हमारी

डॉ. कुमारी कुन्दन
पटना(बिहार)
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हिन्दी संग हम….

प्यार करें हम हिन्द से,
हिन्दी का हम बनें सहारा
गर्व करें हम हिन्दी पर,
हिन्दी है अभिमान हमारा।

छंद, अलंकार से सुसज्जित,
हिन्दी भाषा सबसे प्यारी
मन-भाव के राज खोलती,
जब हाथ हो कलम हमारी।

सबसे प्यारी हिन्दी हमारी,
दुनिया में है बोली जाती
तुलसी, रहीम, कबीर की रचनाएँ,
हिन्दी में ही गाई जाती।

संस्कृत है देवों की वाणी,
देवनागरी लिपि है पुरानी
उर्दू-फारसी इसका गहना,
संस्कृत की लगे है बहना।

वेद-पुराण की गाती गाथा
हिन्दी हिन्दुस्तान की भाषा
ज्ञान-प्रकाश हृदय में भरती,
सहज सरल ये हिन्दी भाषा।

हिन्दी हमारे संग रहे सदा,
रहें सदा हिन्दी संग हम।
हिन्दी है भाषाओं की रानी।
हिन्दी का मान बढ़ाएं हम॥