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चाय की चुस्की

दृष्टि भानुशाली
नवी मुंबई(महाराष्ट्र) 
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सुबह-सवेरे उठकर देखा
सूरज दादा बुला रहे हैं,
“आँखें खोलकर देख तू बेटा
पतीले में तेरे शून्य ब्रह्माण्ड हैl”

आदत से मजबूर हूँ भइया
यदि मिले न चुस्की चाय की,
पेट के चूहे ढोल बजाए
और दर्द के मारे फट जाए सिरl

इत्तेफ़ाक तो देखो,हैं दुकानें सारी बंद
देख यह दृश्य मचलाए मेरा मन,
कल्ब से आई आवाज,”ओय सुन चाय के प्यासे,
आज लेना परीक्षा उनकी जो देते थे दिलासेl

“रमेश भाई साहब संकोच न करना
यदि हो आपको कोई परेशानी,
याद अवश्य करना हमें
आखिर हैं हम आपके पड़ोसीl”

अब्दुल भाईजान को याद कर
बजाई घर की घंटी,
बेगम भाभी ने दरवाजा खोला
अब देखते हैं इनकी मेहमाननवाजीl

“तशरीफ़ रखिए भाईजान,बताईए
क्या सेवा करें आपकी ?”
बड़े मीठे स्वर में मैंने पूछा,
“क्या एक कप चाय मिलेगी ?”

“एक क्या भाईजान,दो कप लाते
अगर सिलेंडर मियाँ रूठ न जाते,
रखा है सवेरे से हमने भी उपवास
रमेश भाईजान करना हमें माफl”

अब पटेल भाई का दरवाजा खटखटाया
उनका लाड़ला बेटा रौनक आया,
मैंने पूछा,”बेटा पापा कहाँ है ?”
“बा और पप्पा बाहर गए हैंl”

महिंदर पाजी की डोरबेल बजाई
दरवाजा खोलने भाभी जी आईं,
आते ही हाथ में लस्सी पकड़ाई
दिल ने कहा,”जिद्द छोड़ दे भाईl”

आखिर में बचे थे मिस्टर अय्यर
सोचा यहाँ भी किस्मत आजमा लूँ,
दस्तक देते ही दरवाजा खोला
अंदर आते ही ‘वड़क्कम’ बोलाl

बैठते ही पहले भाभी जी बोलीं-
“क्या लेंगे आप,’टी’ या ‘कॉफी’ ?”
मैंने कहा,-“बस एक कप टी और,
साथ में इसके इडली भी चलेगीl”

इडली के साथ में चटनी भी आई
देखकर आ गया मुँह में पानी,
पर आँखों से मेरी आँसू निकल आए
देखकर कड़वी काली चायl

बाहर आ कर एक गहरी साँस ली
अब तो मैंने हार ही मान ली,
थोड़ी ही दूर थी चाय की तपेली
बहूत हो गई मेहमाननवाजीl

नसीब-नसीब की बात है भाई
क्या सोचा था और क्या हो गया,
मेहमान नहीं,पर ग्राहक बन
आखिर ‘चाय की चुस्की’ ले ही लीll

परिचय-दृष्टि जगदीश भानुशाली मेधावी छात्रा,अच्छी खिलाड़ी और लेखन की शौकीन भी है। इनकी जन्म तारीख ११ अप्रैल २००४ तथा जन्म स्थान-मुंबई है। वर्तमान पता कोपरखैरने(नवी मुंबई) है। फिलहाल नवी मुम्बई स्थित निजी विद्यालय में अध्ययनरत है। आपकी विशेष उपलब्धियों में शिक्षा में ७ पुरस्कार मिलना है,तो औरंगाबाद में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए फुटबाल खेल में प्रथम स्थान पाया है। लेखन,कहानी और कविता बोलने की स्पर्धाओं में लगातार द्वितीय स्थान की उपलब्धि भी है,जबकि हिंदी भाषण स्पर्धा में प्रथम रही है।

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