रौशनी अरोड़ा ‘रश्मि’
दिल्ली
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हे शारदे माँ हे सरस्वती,
कर लो अब माँ स्वीकार
तुम चरणों में नमन मेरा।
तू ही विद्या का है सागर,
है ग्यान की माँ तू ही देवी
तेरे चरणों में,हे माँ शारदे,
है शत-शत,माँ नमन मेरा।
कर लो अब माँ स्वीकार,
तुम चरणों में नमन मेरा॥
तू ही ग्यान का है भण्डार,
देने वाली,है स्वर संगीत
की भी तू ही देवी,तेरे
चरणों में, हे माँ शारदे,
है शत-शत नमन मेरा।
कर लो अब माँ स्वीकार,
तुम चरणों में नमन मेरा॥
भरी हुई है दिल में देख मेरे,
भक्ति ही भक्ति हे माँ शारदे
ना होना मुझसे विमुख हे माँ,
तेरे चरणों में हे माँ शारदे
है शत-शत नमन मेरा।
कर लो अब माँ स्वीकार,
तुम चरणों में नमन मेरा॥
परिचय-रौशनी अरोड़ा का साहित्यिक नाम ‘रश्मि’ है। दिल्ली में ही निवासरत रश्मि की जन्म तारीख ६ दिसम्बर १९७८ है। लेखिका और गायिका रश्मि को दिल्ली में संगीत कार्यक्रम में गायिकी के लिए सम्मान प्राप्त हुआ है। आपकी रचनाएं दैनिक अखबारों-पत्रिका में प्रकाशित होती रहती हैं। आपको दिल्ली के कवि सम्मेलन तथा नोएडा से बज़्म-ए-हिंद संग्रह से भी सम्मानित किया गया है।