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अखण्ड भारत हमारा है

संजय जैन 
मुम्बई(महाराष्ट्र)

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सुनो मेरे देशवासियों,
मैं हूँ एक साधारण इंसान
मुझे भारत से प्यार है,
मुझ वतन से प्यार है।

कभी नहीं दिया किसी को धोखा,
और न खाई झूठी कसमें
जिनसे की हमने दोस्ती,
दिया साथ सदा उनका
चाहे वो कोई जाति-धर्म का हो,
वो है हमारे देश की शान
उन्हें कैसे दें हम धोखा,
उन्हें कैसे दें हम धोखा।

नहीं की कभी भी गद्दारी,
नहीं किया है भेदभाव
नहीं देखा गलत नजरों से,
अपनी माता-बहिनों को
चाहे वो हो अमीर या हो,
चाहे वो हो गरीब
हमारे देश की आन है,
हमारे देश की शान है।

वतन से करते हैं हम बहुत प्यार,
हमारा देश बने गुलिस्तान
इसमें बसी है मेरी जान,
तो क्यों फैलाएं नफरत
यहां जन्मे हर मजहब के भगवान,
बसी है सबकी देश में जान,
हमारा देश है बहुत महान
हमें इससे बहुत प्यार है,
तभी तो इसे रख पाएंगे।
हम सदा ही अखण्ड,
सदा ही भारत को अखंड॥

परिचय– संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।

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