बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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ऐसी बोली बोलिए,लेकर शुद्ध विचार।
मानवता मन में बसे,पूजे सब संसार॥
पूजे सब संसार, नाम अपना सब जाने।
सादा उच्च विचार,बोलना धर्म निभाने॥
कहे ‘विनायक राज’,मीठ कोयल की जैसी।
वाणी मधुरस घोल,लगे ज्यों बोली ऐसी॥