कुल पृष्ठ दर्शन : 209

You are currently viewing श्री कृष्णा राधे-राधे

श्री कृष्णा राधे-राधे

सच्चिदानंद किरण
भागलपुर (बिहार)
****************************************

जय ! जय ! श्री कृष्णा राधे-राधे,
‘जन्माष्टमी’ शुभ मनोरम हे राधे-राधे।

कष्ट निवारन सुख समृद्धि वैभव,
पावे प्रसन्नचित मन भावन हे राधे-राधे।

शुभम् मंगलम्! मंगलम् शुभम्!,
जग-जन जागृत प्रेम प्रियम् हे राधे-राधे।

पुलकित भए मन हर्षित चितवन,
रटत रहत तनेय मन सुरमई हे राधे-राधे।

रोम-रोम रमणेय संग रंग रंगाए यूँ,
बहे पवित्र पावनी गंगाधार हे राधे-राधे।

ज्योतिर्गमयम् हो दिव्य दीप जले,
हर अंधियारी गली में यूँ हे राधे-राधे।

समूचे लोक पाताल तेरी महिमा है,
गुंजायन कोकिल कंठों से हे राधे-राधे।

झम-झमा बाजे पायल मन मंदिर के,
पुष्प पुलकित नैन अश्रु में हे राधे-राधे।

मन मोहिनी भावुक भए बाँसुरी के,
सुरीली तान नाचे सखियन हे राधे-राधे।

शोर मचा मंगलमय गान ‘किरण’,
विहँस विहँसे उठी छंदमय! हे राधे-राधे॥

परिचय- सच्चिदानंद साह का साहित्यिक नाम ‘सच्चिदानंद किरण’ है। जन्म ६ फरवरी १९५९ को ग्राम-पैन (भागलपुर) में हुआ है। बिहार वासी श्री साह ने इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की है। आपके साहित्यिक खाते में प्रकाशित पुस्तकों में ‘पंछी आकाश के’, ‘रवि की छवि’ व ‘चंद्रमुखी’ (कविता संग्रह) है। सम्मान में रेलवे मालदा मंडल से राजभाषा से २ सम्मान, विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ (२०१८) से ‘कवि शिरोमणि’, २०१९ में विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ प्रादेशिक शाखा मुंबई से ‘साहित्य रत्न’, २०२० में अंतर्राष्ट्रीय तथागत सृजन सम्मान सहित हिंदी भाषा साहित्य परिषद खगड़िया कैलाश झा किंकर स्मृति सम्मान, तुलसी साहित्य अकादमी (भोपाल) से तुलसी सम्मान, २०२१ में गोरक्ष शक्तिधाम सेवार्थ फाउंडेशन (उज्जैन) से ‘काव्य भूषण’ आदि सम्मान मिले हैं। उपलब्धि देखें तो चित्रकारी करते हैं। आप विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ केंद्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य होने के साथ ही तुलसी साहित्य अकादमी के जिलाध्यक्ष एवं कई साहित्यिक मंच से सक्रियता से जुड़े हुए हैं।