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बुद्धि दाता मन में विराजिए

दीप्ति खरे
मंडला (मध्यप्रदेश)
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प्रथम पूज्य बुद्धि के दाता,
मन में आन विराजिए
शत-शत वंदन करूं आपका,
बुद्धि का वर दीजिए।

वाणी सच का साथ दे,
किसी का दिल दुखाऊं न
बस लेखनी चलती रहे,
विचारों को प्रवाह दीजिए।
शत-शत वंदन करूं आपका,
बुद्धि का वर दीजिए…॥

विघ्न हर्ता, मंगल कर्ता,
गणाध्यक्ष विनायकम
कृपा मुझ पर कीजिए,
भावों को मुखरित कीजिए।
शत-शत वंदन करूं आपका,
बुद्धि का वर दीजिए…॥

धूम्रकेतु, भालचंद्र,
विघ्न-नाश, गजानन
रिद्धि-सिद्धि संग करूँ आवाहन,
शिव गौरा संग आन विराजिए।
शत-शत वंदन करूं आपका,
बुद्धि का वर दीजिए…॥