चलता ही मैं जा रहा,यूँ बिन थके किस वास्ते,
लगता है कि मैं रुका हूँ,चल रहे हैं रास्ते।
देख कर के काँटों को,वो कारवाँ जो रुक गया,
फ़र्ज़ बोला,काम तेरा,और फिर मैं जुट गया
फिर तो जुनूं ने कर दिया,सब,कारवाँ के वास्ते,
लगता है कि मैं रुका हूँ,चल रहे हैं रास्ते।
रुक गये रहबर कई,कहते यहीं बस जायेंगे,
रुक गये थक कर कई,कहते नहीं चल पायेंगे
आई सदा,करना तुझे,कुछ इन थकों के वास्ते,
लगता है कि मैं रुका हूँ,चल रहे हैं रास्ते।
है इल्तिज़ा इतनी खुदा,हासिल हो सबको मंज़िलें,
है इक़्तिज़ा इतनी,रुके ना ये सफ़र के सिलसिले
मक़सद यही इक,चल रहा हूँ,अब भी जिसके वास्ते,
लगता है कि मैं रुका हूँ,चल रहे हैं रास्ते।
सोचता हूँ,क्यों रुकूँ मैं,साँस ना जब तक रुके,
वो,देख कर तैरान मेरी,आसमां शायद झुके
रोशन सिराजे-हौंसला है,हमसफ़र के वास्ते,
लगता है कि मैं रुका हूँ,चल रहे हैं रास्ते॥
(इक दृष्टि यहाँ भी रहबर=पथ प्रदर्शक,सदा=आवाज़,इल्तिज़ा= प्रार्थना, विनती, इक़्तिज़ा = आकांक्षा , मक़सद= उद्देश्य,तैरान=उड़ान,सिराज=दीपक
परिचय–निर्मल कुमार शर्मा का वर्तमान निवास जयपुर (राजस्थान)और स्थाई बीकानेर (राजस्थान) में है। साहित्यिक उपनाम से चर्चित ‘निर्मल’ का जन्म १२ सितम्बर १९६४ एवं जन्म स्थान बीकानेर(राजस्थान) है। आपने स्नातक तक की शिक्षा (सिविल अभियांत्रिकी) प्राप्त की है। कार्य क्षेत्र-उत्तर पश्चिम रेलवे(उप मुख्य अभियंता) है।सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आपकी साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी है। हिंदी, अंग्रेजी,राजस्थानी और उर्दू (लिपि नहीं)भाषा ज्ञान रखने वाले निर्मल शर्मा के नाम प्रकाशन में जान्ह्वी(हिंदी काव्य संग्रह) और निरमल वाणी (राजस्थानी काव्य संग्रह)है। प्राप्त सम्मान में रेल मंत्रालय द्वारा मैथिली शरण गुप्त पुरस्कार प्रमुख है। आप ब्लॉग पर भी लिखते हैं। विशेष उपलब्धि में स्काउटिंग में राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त ‘विजय रत्न’ पुरस्कार,रेलवे का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त, दूरदर्शन पर सीधे प्रसारण में सृजन के संबंध में साक्षात्कार,स्व रचित-संगीतबद्ध व स्वयं के गाये भजनों का संस्कार व सत्संग चैनल से प्रसारण है। स्थानीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन होता रहता है। लेखनी का उद्देश्य- साहित्य व समाज सेवा है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-प्रकृति व समाज है। विशेषज्ञता में स्वयं को विद्यार्थी मानने वाले श्री शर्मा की रूचि-लेखन,गायन तथा समाज सेवा में है।