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खेल दिखा अनमोल

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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झूम उठे संसार ये सारा,
प्रभु ऐसा खेल दिखा अनमोल।
जहाँ जहाँ पर नजर घुमाएं,
मस्ती का आलम हो।
लग जाएं खुशियों के मेले,
अपने-आप बिदा गम हो।
ऐसी तान छेड़ दो प्रभुजी,
मचल उठे पूरा भूगोल।
ऐसा खेल दिखा अनमोल…

मन में चंदन लगे महकने,
दिल गंगा-सा पावन हो।
केवल घर ही नहीं हमारा,
भारत भी वृन्दावन हो।
पूनम-सी खिल उठे जिन्दगी,
पुलक उठे सारा माहौल।
जिससे गिरे धरा पर अमृत,
ऐसे हमें सुना दें बोल।
ऐसा खेल दिखा अनमोल…॥

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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