थाईलैण्ड में सम्मान संग हुआ कहानी संग्रह विमोचित
झाबुआ (मप्र)। हिंदी साहित्य भारती इकाई झाबुआ की उपाध्यक्ष व शास. महाविद्यालय झाबुआ की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अंजना मुवेल के कहानी संग्रह 'लिव इन रिलेशनशिप' का विमोचन थाईलैंड हिंदी परिषद…
झाबुआ (मप्र)। हिंदी साहित्य भारती इकाई झाबुआ की उपाध्यक्ष व शास. महाविद्यालय झाबुआ की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अंजना मुवेल के कहानी संग्रह 'लिव इन रिलेशनशिप' का विमोचन थाईलैंड हिंदी परिषद…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* उम्र का क्या है,ये तो बढ़ती ही जाती हैमजा तो जीने का तब है,जब जिंदगी जीने का जज्बा हो। छोटी-सी आशा,मन में जगाएआगे चलते जाना है,उम्र…
डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह कृषि काल की कहानी नहीं,यह पर्यावरण संतुलन की राह हैसम्पन्नता और बेहतरी की,सबसे बड़ी जरूरत, सही पड़ाव है। हरित वैभव किसानों को मजबूती से,आगे बढ़ने की सफ़ल राह…
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** संग चले नित झूठ दिखावा, मिथ्या नाम है।है घनिष्ठ निज छल से नाता, छलना काम है॥ भ्रमित जाल फैलाये रखती, ऐसी भावना,मनुज हृदय पर देती झूठी, मंगल…
दिल्ली। लेखक ओमप्रकाश यती के ग़ज़ल संग्रह 'कब तक चलता पीछे-पीछे' का लोकार्पण कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ ग़ज़लकार विज्ञान व्रत द्वारा किया गया। इस आयोजन में कमलेश भट्ट कमल, मनोज अबोध,…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* समसामयिक चिंतन... हर दुर्घटना के बाद उस घटना का पोस्टमार्टम किया जाता है। उसके बाद उस घटना की जिम्मेदारी के लिए कर्मचारी, पटरी, चालक, संकेत और मशीनी की…
प्रयागराज (उप्र)। मीरा फाउण्डेशन एवं साहित्य भंडार (प्रयागराज) के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिवर्ष दिया जाने वाला 'मीरा स्मृति पुरस्कार' इस वर्ष हिन्दी कविता की पाण्डुलिपि पर दिया जाएगा। पुरस्कार राशि…
इंदौर (मप्र)। साहित्य का मूल धर्म है सबका भला करना। रचनाकारों को इस मूल धर्म को ध्यान में रखकर रचनाधर्मिता करना चाहिए। भाषा के उपयोग में सावधानी रखना चाहिए।यह बात…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** 'हे रश्मिरथी!' तुम उगलो जहर आज,हे भागीरथी! तुम उगलो कहर आजभूल गए सब संचित मर्यादा,राजधर्म से भ्रष्ट है शासकढोंग-पाखंड से संलिप्त उपासक,जनता से करते हैं झूठे…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आओ प्रियतम भूल सितम गम,आशा का एक दीप जला दो।फिर यकीन के सुनहर दर्पण,अपनापन नव प्रीत सजा दो। चंद लम्हों के लिए संगम,बीते तराने…