लघुकथा में छोटी-छोटी गलतियों को सुधारने के लिए किया प्रेरित
गोष्ठी... पटना (बिहार)। अखिल भारतीय लघुकथा कक्ष की मासिक गोष्ठी अपर्णा गुप्ता के संयोजन तथा डॉ. श्याम गुप्त की अध्यक्षता में गोष्ठी का आगाज हुआ। मुख्य अतिथि लखनऊ की जानी-मानी…
गोष्ठी... पटना (बिहार)। अखिल भारतीय लघुकथा कक्ष की मासिक गोष्ठी अपर्णा गुप्ता के संयोजन तथा डॉ. श्याम गुप्त की अध्यक्षता में गोष्ठी का आगाज हुआ। मुख्य अतिथि लखनऊ की जानी-मानी…
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* चलो साथ चलें हम दो कदम,एक कदम तुम चलोचलूं मैं भी एक कदम,सफर हो या जिंदगीचलना पड़ता है दो कदम। राह में मिलेंगे दोनों,काँटे…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मुस्कुरा कर मिले, फिर न मिलते कभी, लूट कर दिल हमारा, न दिखते कभी। मुस्कुराहट दिखा के वो दिल लूटते, पर जुबां से तो कुछ…
डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** हम-सब कागज़ की कश्ती में सवार होकर,सफ़र में हैंआगे बढ़ने की जुगत में हैं,आशाओं का समन्दर लिएकल-कल बहती,निर्मल प्रवाह में है। सुकून और खुशियाँ,पाने के लिए बेकरार हैपरन्तु नज़र…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ मित्र दिवस (८ जून)... दोस्ती जिंदगीखूबसूरत लम्हाबीत न पाए। गिरने न देसाथ निभाएँ सदाबने आदर्श। हाथ थामो यूँमंजिल तक चलेदिलाए खुशी। मन का मीतदिल की…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ मित्र दिवस (८ जून) विशेष... अक्सर कहा जाता है कि जिंदगी में एक दोस्त जरूर होना चाहिए जिससे आप अपनी मन की बात कह सकें, क्योंकि…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** मृदुल-मनोहर मोम-सी काया,आकर गोद में मेरी खेलेगीस्वर्णिम-स्वप्निल उम्मीदें मेरी,कोमल हाथों से ठेलेगी। चूमेगी और अलिंगेगी वह,माथा-गला मेरा निज कोमलांगों सेबाग-बाग कर डालेगी घरौंदा मेरा,निज कोमल तोतली…
नई दिल्ली। अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति का ३ दिवसीय अठारहवां राष्ट्रीय अधिवेशन १९ जून से कर्नाटक के ऐतिहासिक नगर मैसूर के रॉयल इन सभागार में आयोजित किया जा…
स्मरण... इंदौर (मप्र)। लेखन में लोकहित की भावना अवश्य रहनी चाहिए और वही साहित्य चिरंतन होता है। इस कसौटी पर कुबेरनाथ जी पूर्णत खरे साबित हुए।श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कलम बने तलवार, तभी तो बात बनेगी।काटे अत्याचार, तभी सौगात बनेगी॥ कलम वही जो झूठ, कपट पर नित हो भारी,कलम वही जो, मत रखती हो, कोई…