देशभक्ति

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता मैं जान,गाता हूँ मन-प्राण से,मैं इसका यशगान।आर्यभूमि जगमग धरा,बाँट रही उजियार-इसकी गरिमा,शान पर,मैं हर पल क़ुर्बान॥ भगतसिंह,आज़ाद का,अमर सदा बलिदान,ऐसे…

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‘नवचेतना’ पत्रिका विमोचित

दिल्ली। 'कोरोना' काल से पहले भौतिक रुप से प्रकाशित पत्रिका 'नवचेतना' पहली बार वीडियो और पीडीएफ के रूप में ऑनलाइन विमोचित की गई। इस बार पत्रिका महिला विशेषांक है। संपादक…

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अब तक ११ लाख से अधिक का बाल साहित्य निःशुल्क भेंट

चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)। बालकों में बाल साहित्य के पठन-पाठन के प्रति रुचि पैदा करने के साथ शिक्षकों, अभिभावकों, बालसाहित्य रचनाकारों को बाल साहित्य की उपयोगिता समझाने, उन्हें इस बात के लिए…

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देश की मिट्टी और हमारे कर्तव्य

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** देश की मिट्टी यानि मातृभूमि। मातृभूमि का अर्थ उस स्थान से संबंधित है, जहाँ एक मनुष्य का जन्म हुआ या उसके परिवार का जन्म हुआ। इससे वह…

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दिल सजा दो सनम

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* ज़िन्दगी के रास्ते गुलजार कर दो तुम सनम।दिल सजा दो जान लेकर, क्या करेंगे हम सनम। शाम तन्हा कट गई है, रात तो सजकर…

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एक थी श्रद्धा…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** श्रद्धा हत्याकांड... एक थी श्रद्धा,माता-पिता दुलारी-गई भटक। रिश्ता भी धोखा,दिल टूटा श्रद्धा का-केवल पीड़ा। ना वो आजादी,माँ-बाप बिन शादी-गत श्रद्धा की। ना प्रेम पला,ना…

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लोक राग के कवि थे राम इकबाल सिंह राकेश

पुण्यतिथि मुजफ्फरपुर (उप्र)। प्रकृति के चितेरे कवि राकेश जी ग्रामीण चेतना के बड़े कवि थे। उनकी कई लंबी कविताएं महाकाव्यात्मक औदात्य से भरी हुई हैं। उनकी कविताएं भारतीय संस्कृति और…

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फर्ज निभाती है बेटी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* क्यों दुनिया वाले ये कहते रहते हैं बेटी होती है पराई,बेटी ही है जो माता-पिता के, हृदय में रहती है समाई। समय पर बेटे जैसा फर्ज…

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पुरस्कृत साहित्यकारों को किया सम्मानित

इंदौर (मप्र ) | श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय के संगोष्ठी कक्ष में आयोजित 'पाठक संसद' में मंगलवार की शाम को साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश से सम्मानित साहित्यकारों का हिन्दी परिवार की…

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दिखावा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** लोग दिखावे की खातिर ही प्यार जताते हैं सारे। लगा मुखौटा चहरे पर येघर तक भी आ जाते हैं,केवल झूठा प्यार जतारिश्ते रोज बनाते हैं।रहते मौके…

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