सफर बहुत कठिन, मगर..
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीमनेन्द्रगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************************* ये सफर बहुत है कठिन मगर,तू जो बन जाए मेरा हमसफ़रजीवन के ये टेढे़-मेढ़े डगर,मुड़ जाते हैं सब एक नगर। ऊँची-नीचे पथरीली सतह पर,कभी नर्म घास…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीमनेन्द्रगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************************* ये सफर बहुत है कठिन मगर,तू जो बन जाए मेरा हमसफ़रजीवन के ये टेढे़-मेढ़े डगर,मुड़ जाते हैं सब एक नगर। ऊँची-नीचे पथरीली सतह पर,कभी नर्म घास…
बाली (इंडोनेशिया)। बाली में भारत के प्रधान कौंसल प्रकाश चन्द ने साझा काव्य संग्रह 'काव्य उड़ान-भारत से विश्व तक' का विमोचन किया। यह विभिन्न देशों में रह रहे १५ भारतीय…
तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** चारों ओर है पानी ही पानी,फिर भी ना जाने क्यों प्यासे हैं। माया के हैं भरे भंडारे,खाली सबके कांसे हैं। कोई जीता है कोई हारा,क़िस्मत के सभी…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* भगवान हैं माॅं रूप में, पहचान लो सम्मान दो,देते नहीं सम्मान तो अपमान भी माॅं का न हो। माॅं बिन नहीं जीवन कहीं, हर…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** धैर्य रख काम करे होता है वही सफल,कितनी बड़े धैर्य से, विपत्तियां जाती टल। दल बीच छुपा रखे मकरंद को कमल,भौंरा रस ग्राही पी ले, कितना भी…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी के श्रंगार सँग, पायल सोहे ख़ूब।लज्जा है,सम्मान है, आकर्षण की दूब॥ रहता पायल में सदा, शील और निज आन।पायल में बसते सतत्, अनजाने अरमान॥ पायल…
ललित गर्गदिल्ली************************************** उत्तर प्रदेश में चूहे को मारने के आरोप में एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज होने की घटना मानव-समाज में साधारण होकर भी चौंका रही है, इसलिए कि…
संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** एक आँसू ही बचे हैंतेरे अभिषेक को,क्या बहा दूं तुझ परअपने विवेक को! गिड़गिड़ा रहा तेरे दरसुनो ना तुम शम्भू,कहां बहाऊं मैंअब अपने आवेग को। खो दिया…
बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** ओ जाड़े!जरा बचपन की सैर करा रे,कोहरे में बरसे कल्पनाएंजैसे इंद्रलोक यहाँ रे।ओ जाड़े…! एक कम्बल संग प्रेम बांटते,भाई-बहन में प्रेम सदा रे।ओ जाड़े…! सूरज निकले…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* उद्यम करते जो मनुज, होते कारज सिद्ध।कर्महीन नर का हृदय, होता हर क्षण विद्ध॥होता हर क्षण विद्ध, कभी भी सफल न होता।रहता पौरुषहीन, समय को यूँ…