कब आयेंगे….

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** बोझिल-सी बैचेन निगाहें,ताक रहीं हैं राहों को।कब आयेंगे दिलवर मेरे,थामेंगे इन बाँहों को॥ सपने देख रही है चाहत,अरमानों का संग लिए।स्वप्निल छुअन मखमल जैसी,पल-पल पुलकित अंग लिए।शीतल-प्रीत…

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खून की मांग

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** सुभाष चंद्र बोस जयंती (२३ जनवरी)विशेष.... 'खून मांग' कर आजादी के,सपने को साकार किया।सुभाषचंद्र बोस ने आज़ाद,भारत का निर्माण किया॥ 'खून मांग' कर आजादी के,सपने को…

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सँभल-सँभलकर चलना होगा

कल्पना शर्मा ‘काव्या’जयपुर (राजस्थान)********************* जो हम चाहें सुखमय जीवन,विपत-कसौटी कसना होगा।ज़िन्दगी है राह काँटों भरी,सँभल-सँभल कर चलना होगा॥ जीवन तुला पर फूल और काँटे,काँटों का पलड़ा भारी बहुत।हम तो दूर…

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दुर्गम है संघर्ष

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** तजो दीन मन हीनता,स्वीकारो संघर्ष।भाग्य भरोसे मत रहो,वरन हो अपकर्ष॥ आएँगी बाधा विविध,तोड़ेंगे उत्साह।संघर्षी साहस सहज,तभी सफल हो राह॥ करे सत्य निर्भय सबल,संकल्पित हो…

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भारतीयों तुम पर गर्व है हमें

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) *************************************** संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रपट में कहा गया है कि दुनिया के विभिन्न देशों में १.८० करोड़ भारतीय प्रवास कर रहे हैं। इनकी संख्या २ करोड़…

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पायल की छन-छन से…

आकांक्षा चचरा ‘रूपा’कटक(ओडिशा)************************************* 'नारी की सौम्यता' लगती सहज तभी,सोलह श्रृंगार करके मोहक छवि सजीलीप्राण प्रिय मेरी,मेरी घर की सुहासिनी,कोमल,सुप्रिय तुम मेरे बच्चों की माँपायल की छन-छन से दिल को लुभाती…

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मेरा भारत,हमें नाज

अनशिका गणनायककटक(ओडिशा)************************************* भारत देश के वासी हम,गौरवान्वित करेंगे इसकी शान।हिदुस्तान से नाम हमारा,पवित्र धाम है भारत हमारा।हिमालय इसका ताज,हर जन करता नाज।उतर में पर्वत राज विराट,दक्षिण में विराजे सागर सम्राट।जाग…

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हमारा कर्त्तव्य सबसे बड़ी ताकत

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** हमारा कर्त्तव्य जहां एक ओर हमारी सबसे बड़ी ताकत होता है,वहीं वह हमारे कष्टों का कारण बनता है। राष्ट्रीय कर्त्तव्यपूर्ति हेतु अनेक वीर…

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इस सावन में तुम आ जाओ…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ बरखा की बूँदों-सी चंचल,निर्मल जल से भी हो कोमलरेशम-सी काया ले कर तुम,पायल झनकाती आ जाओ।इस सावन में तुम आ जाओ… यादों की बारिश में…

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फिर ना ये धड़केगा

नताशा गिरी  ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से तमन्ना है उन्हें खुद में खुदा बनने की,खुशियों की नहीं चाहत है मेरे जख्मों की। मरहम का कटोरा वो साथ लिए…

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