पापड़ बेलने से ज्यादा मुश्किल अब ‘कचोरी’ बनाना-बेचना…

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ********************************************************** सरकार कर-चोरी सख्‍ती से रोके,कड़े कानून बनाए, लेकिन कचोरी के साथ तो ऐसा सलूक न करे। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने हाल में नया फरमान…

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प्यार का तोहफा

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************** मत बोओ बीजघृणा के,जमाना हो जाएगातुमसे खफा,इसलिए सबको दोप्यार का तोहफाl प्यार प्रकृति कादिया उपहार है,इसका दोसभी को तोहफा,तभी साकार हैl प्यार से पराए भीहो…

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कश्मीरी नेताओं को जमीनी हकीकत समझने की जरूरत

प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ************************************************** अब कश्मीरी नेताओं को जमीनी हकीकत समझने और वर्तमान दौर के साथ व्यवहारिक होने की जरूरत है। उन्हें अब सच और जमीनी हकीकत समझ लेनी चाहिए। अब…

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मेरा प्यारा बांके बिहारी

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)********************************************* लगा लियो है मोर मुकुट,पहनी तारों की पैजनिया..!है कांधे सजी पिताम्बरी,कमर में है करधनिया..! शरद रैन है..श्री वृंदावन,रास रच्यो है भारी…!मुरली की धुन नाच रहे,श्री राधे संग बिहारी…!…

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प्रियतम बिन सूना यह सावन

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*********************************************** जब पूनम का चँदा देखूँ,मैं दरिया के पानी में।जैसे प्रियतम ने छेड़ा हो,मुझको भरी जवानी मेंllप्रियतम बिन सूना यह सावन,अब तो प्रियतम आ जाओ,तन-मन मचल रहा है…

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सुबह का भूला…

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ सुबह का भूला,अगर शाम तक अपनीगलती मान जाता है।जिंदगी की अहमियत,वक्त की कद्रअपनों का दर्द,दुआओं का असरपहचान जाता है।उसकी भूल को,शाम तकहर कोई,भूल जाता है॥ सुबह…

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पहचान

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************************* खुद को नहीं पहचान रहा,सबको दुश्मन मान रहा। जीवन का नहीं ठिकाना,फिर क्यूँ सीना तान रहा। औरों पे जान लुटाता फिरता,अपनों के लिये अंजान रहा। मृत्यु पर…

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अक्सर खोजती हूँ

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)********************************************* देखती हूँ कभी-कभी जब इस दुनिया को,ना जाने क्या-क्या सोचती हूँहो जब नीला-नीला अम्बर,तब मैं अक्सर चाँद को खोजती हूँ। जब-जब छाए काली घटाएं,तब मैं अक़्सर…

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पहले प्रति-माँ की सेवा जरुरी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ****************************************************** नवरात्रि लगते ही सब भक्त माँ अम्बे की प्रतिमा के नव रूपों का अलग-अलग दिन विधि-विधान से अपनी सामर्थ्य के अनुसार पूजा-पाठ और माँ…

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जनता के घावों पर नमक महंगे होते चुनाव

ललित गर्गदिल्ली ****************************************************** चुनाव जनतंत्र की जीवनी शक्ति है। यह राष्ट्रीय चरित्र का प्रतिबिम्ब होता है। जनतंत्र के स्वस्थ मूल्यों को बनाए रखने के लिए चुनाव की स्वस्थता, पारदर्शिता और…

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