प्रियतम मेरे आ मिलो
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************************** रात सुहानी चाँदनी,सबके मन को भाय।शीतल मंद समीर में,लगे हिया हरषायll तारों से जगमग धरा,धवल ज्योत्सना रंग।ऐसे में खुश रागिनी,पाकर पिय का संगll शरद पूर्णिमा…