नयन नशीले

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** नयन नयन की जब हुई,आपस में टकरार।उठा ज्वार उर उदधि में,फूट पडे़ उद्गार॥ नयन नशीले मद भरे,लब ज्यों सुर्ख पलाश।कंचन काया पर चढ़ा,यौवन का मधुमास॥ नयन नयन में हो गई,पिय की पिय से बात।तन मन पुलकित हो उठा,मचल गये जज्बात॥ नयनों में उलझे नयन,उर खो बैठा होश।मचल उठे जज्बात फिर,यह यौवन … Read more

स्वार्थ से दूर रखना चाहिए जीवन

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* हाँ,हमें अपना जीवन स्वार्थ से दूर रखना चाहिए। यही हमारे धर्मग्रंथों की शिक्षा भी है कि,दूसरों के प्रति नि:स्वार्थ सेवा भाव रखना चाहिए। जिसे जीवन का मूलमंत्र भी कहते हैं। चूंकि,सेवा भाव से विनम्रता एवं सहनशीलता का गुण फलता-फूलता है और जिस व्यक्ति के मन में ममता,करुणा की … Read more

वक्त का फेर

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ************************************************ जलते हुए रावण को देख करीब वृक्ष पर बैठी चिड़िया ने प्रश्न किया-‘रावण दादा! पहले तुमने स्वयं गलती की थी और राम जैसे भगवान से खूब युद्ध किया,किंतु आज बिना किसी विरोध के चुपचाप जल जाते हो,ऐसा क्यों ?’इस पर रावण ने अपनी व्यथा कुछ यूँ प्रगट की-‘चिड़िया रानी! मैं तुम्हें क्या … Read more

माँ के द्वार

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ (रचना शिल्प:३० मात्रा,१६-१४ पर यति) हे दु:ख हारिणि,कष्ट विदारिणि,मंगल करणी,जगदंबे।मातु भवानी,भवभय हारिणी,जनकल्याणी हे अंबेll शेरावाली तू ब्रह्माणी,हे वरदानी,दया करो।आज जगत में कष्ट समाया,हे कल्याणी! कष्ट हरोll शैल सुता हे ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटिका सुरेश्वरी।कुष्मांडा हे स्कंदमाता,माँ कात्यायनि महेश्वरीll विपद हारिणी हे जगदंबा,जग के कष्ट हरो माता।अरि संहारिणि दुष्ट विदारिणि,जग कल्याणी जग माताll खड्गधारिणी देवी … Read more

हिंदी तेरी महिमा

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) ****************************************** हिंदी तेरी महिमा को,कभी ना मैं भुलाऊँगातू तो है जीविका मेरी,मैं तेरा गीत गाऊँगा।हिंदी तेरी महिमा को… रुप हैं अनेक तेरे,अवधी,मगही,राजस्थानीखड़ी बोली मन भाए,चाहें सारे हिंदुस्तानीतू ही तो पहचान है मेरी,कैसे तुझे बिसराऊँगा।हिंदी तेरी महिमा को… हिंदी तेरी ममता में,बहती शीतल धारा हैतेरी हर कविता में,जीवन का सहारा हैकैसे मैं बताऊँ तुझे,तेरे … Read more

मानव हृदय उजास हो

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** मानव हृदय उजास हो,होवे सुंदर काम। नेक कर्म अरु भाव से,मिलता जग में नामll बुरे कृत्य को छोड़ कर,लाएँ सुंदर भाव। मानवता की राह हो,कभी न हो ठहरावll पुलकित मन सबका करें,भर दे नव उल्लास। भारत का हर नागरिक,धरे आप विश्वासll नित्य उजाला ज्ञान का,जन-जन में संचार। मृदुवाणी बरसे सदा,सुंदर हो … Read more

आओ दीप जलाएँ हम

सुरेश चन्द्र सर्वहाराकोटा(राजस्थान)************************************************** रात अमावस की अँधियारीआओ दीप जलाएँ हम,इन दीपों से तनिक भगा दें-बाहर भीतर पसरा तम। पर बाहर के दीप जले जोजीवन इनका कितना कम,चुकने के ही साथ तेल के-खो बैठेंगे ये दमखम। झिलमिल करती बाती की लौकुछ पल जलकर जाती थम,और दीप भी बुझ जाता है-पथ-दर्शन का निभा धरम। जीवन में भी … Read more

शुभ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ

हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी रीता जयहिंद अरोड़ा जी का २६ अक्टूबर  को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..

ज़माने को हमने वही तो दिया

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)**************************************************** जो हमको ज़माने से अब तक मिला है।ज़माने को हमने वही तो दिया है। कहीं कुछ बुरा तो यक़ीनन घटा हैे।मेरा दिल सवेरे से कुछ अनमना है। बयां उसका पूरा सियासत भरा है।वो क़ातिल को क़ातिल कहाँ बोलता है। जो क़ातिल था वो तो बरी हो गया पर,नहीं दूसरा … Read more

नवरुप की महिमा अपरम्पार

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)************************************************ मातृ शक्ति,नवरुप की महिमा अपरम्पार,माता के नवरूप से,संचारित नर-नार। प्रथम दिवस हम पूजते,माता शैलपुत्री,ऊर्जा की यह दायिनी,पर्वतराज की पुत्री। द्वितीय रूप माता का,है ब्रम्हचारिणी,त्याग-तपस्या की देवी,हस्त कमण्डल धारिणी। चंद्रघंटा रुप है,माता का तृतीय,अस्त्र-शस्त्र धारण किए,अद्भुत-अद्वितीय। चतुर्थ दिवस अवतरित हों,कुष्मांडा माता,सूर्य-गर्त में निवास है,दीर्घायु की दाता। स्कंदमाता माँ का रुप है,पंचम और निराला,कमल-पुष्प पर … Read more