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बाबुल का घर जग से प्यारा
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************** बाबुल का घर द्वार,लगे हैं जग से प्यारा।मिलता सबका नेह,बिते जीवन ये सारा॥हँसी खुशी का खेल,खेलते हैं सब मिलकर।घर आँगन में पुष्प,महकते सुन्दर खिलकर॥ बचपन बीता आज,इन्हीं के पाकर साया।हाथ पकड़ कर खूब,हमें चलना सिखाया॥बाबुल है भगवान,हमारा पावन नाता।पूजे सब संसार,यही है भाग्य विधाता॥ मिलता है सुख शांति,इन्हीं के चरणों … Read more
जाति-धर्म के मोहरे ही राजनीति
इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* राजनीति केवल राजनीति है और जब तक जाति व धर्म राजनीति के मोहरे बनते रहेंगे,तब तक राजनेता जाति व धर्म का लाभ लेते रहेंगे। उन्हें प्रयोग करते रहेंगे और उन्हीं का शोषण करते रहेंगे,जब तक कि जाति व धर्म के अनुयायी जागरूक एवं आत्मनिर्भर नहीं हो जाते।सर्वविदित है … Read more
21 वीं शताब्दी में आचार्य विनोबा भावे की प्रासंगिकता पुस्तक विमोचित
वर्धा(महाराष्ट्र)l महात्मा गांधी के १५१ वीं जयंती सप्ताह समापन समारोह के उपलक्ष्य में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन(वर्धा) के संयुक्त तत्वावधान में गुरूवार को ‘विश्व सभ्यता के लिए `महात्मा गांधी की प्रासंगिकता’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महाराष्ट्र राज्य के पशु … Read more
करुणा जीवन सार
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************** दया,नेह,संवेदना,करुणा जीवन-सार।उर महके अपनत्व से,तो फैले उजियारll बुद्ध बने तब बुद्ध जब,जागा करुणा-भाव।मानव तब मानव बने,कोमल रहे स्वभावll सत्य,अहिंसा,वेदना,से नित नव-संसार।करुणा से श्रंगार हो,तो मंगल आसारll गांधी,ईसा के हृदय,करुणा का संसार।महावीर करते रहे,करुणा से नित प्यारll टेरेसा तब माँ बनीं,जब करुणा-आवेग।मानवता को दे गईं,वे तो नेहिल नेगll अश्रु नयन से … Read more
अहिंसा के सिवाय कोई सौन्दर्य नहीं
आचार्य डाॅ. लोकेशमुनिनई दिल्ली(भारत) *************************************************** आज दुनिया संकटग्रस्त है,अब तक के मानव जीवन में ऐसे विकराल एवं विनाशक संकट नहीं आए। एक तरफ कोरोना महामारी का संकट है तो दूसरी ओर विश्व-युद्ध का माहौल बना है। हमें उन आदतों, वृत्तियों,महत्वाकांक्षाओं,वासनाओं को अलविदा कहना होगा जिनका हाथ पकड़कर हम उस ढलान पर उतर गए,जहां रफ्तार तेज … Read more
एक माँ की व्यथा बेटे से
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ बढ़ती हुई इस उम्र से होती नहीं तक़लीफ़,जब हाल पूछते नहीं तो फिर दर्द होता है।सोती हूँ गहरी नींद मैं तो सारी रातभर,तुम बोलते नहीं जब तो फिर दर्द होता है॥ खाती हूँ मैं खाना और लगती है भूख भी,खाने को पूछते नहीं तो फिर दर्द होता है।वैसे तो सारा … Read more
बिहारःसत्ता ब्रह्म,गठबंधन मिथ्या
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************************* बिहार के चुनाव के बाद किसकी सरकार बनेगी,कहा नहीं जा सकता। यदि २ प्रमुख गठबंधन सही-सलामत रहते तो उनमें से किसी एक की सरकार बन सकती थी। एक तो नीतीश कुमार का और दूसरा लालूप्रसाद का,लेकिन बिहार में अब ४ गठबंधन बन गए हैं। नीतीश कुमार के गठबंधन में जदयू और भाजपा … Read more
हम सब पेड़ लगाएँ
कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)************************************************** आओ हम सब पेड़ लगाएँ,धरती को उज्जवल बनाएँ…धरती को निर्मल बनाएँ।हम बच्चों की धरती माता,कितना पवित्र है यह नाता…आओ इस नाते को निभाएँ।कृषि प्रधान यह भारत भूमि,आओ इसे पेड़ों से सजाएँ…आओ इसे फूलों से महकाएँ।कितनी अच्छी है यह धरती,जीवनभर सुख देती हैबिन मांगे यह अपना सब-कुछ,हमको दे देती है।आओ इस भारत भूमि … Read more