प्रतियोगिता

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** जानवरों ने मिलकर एक प्रतियोगिता का आयोजन किया,जिसका विषय था-“इस जगत में सबसे स्वार्थी और कुटिल प्राणी कौन है ?”सबने अपने-अपने हिसाब से उत्तर लिखे,किंतु कुत्ते को प्रथम पुरस्कार दिया गयाl उसका उत्तर था- “मनुष्य,’क्योंकि हम रोते हैं तो वह हमें मार-मार कर भगा देते हैं और हँसते हुए इंसान को पैर … Read more

कठपुतली-सी औकात

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** वो जब आएगी एक दिन चुपचाप,खामोशियों का पहन लिबासरूह को जिस्म से कर आजाद,माटी को माटी में मिला जाएगी।मौत जब आएगी पलभर में,जीवन के मंच को झुठलाकठपुतली-सी औकात इन्सा की,एहसास ये दिला जाएगी।टूट जाएँगे पल में वो बंधन भी,जो छूट पाए न कभी स्वप्न में भीख्वाब बन जो याद आते रहे,वो रिश्ते … Read more

महकता है हरश्रृंगार

सपना परिहारनागदा(मध्यप्रदेश)********************************************************* उसका आँगन हरश्रृंगारसे महकता है,उसकी सुगन्ध सेकोई और बहकता है।भीनी-भीनी खुशबू जबरात को महकाती है,उसके आलिंगन मेंकोई और महकता है।जैसे हो कोई ये पुष्पप्रेम का प्रतीक,जिसे पाने को हरकोई तड़पता है।सुबह जो पेड़ पर शान सेसजा रहता है,बिखर जाता है वो रात मेंऔर जमीं पर महकता है।बहुत नज़ाकत है इसमेंजरा-सी हवा से बिखर … Read more

धोनी को लिखे प्रमं के पत्र पर बवाल और भाषाई राजनीतिक चाल

हिंदी से जुड़े कई मंचों पर एक चर्चा हो रही है कि,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महेंद्र सिंह धोनी को जो पत्र लिखा है वह अंग्रेजी में क्यों लिखा गया है,हिंदी में क्यों नहीं ? यह इसलिए भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है,क्योंकि प्रधानमंत्री सामान्य वार्तालाप हिंदी में करते हैं,उनकी हिंदी भी अच्छी है,जबकि अंग्रेजी सामान्य है। … Read more

गाँव की मिट्टी

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************************** मिट्टी यही है गाँव की,सोने-सी अनमोल।कहते इसको माँ सभी,इसकी जय-जय बोल॥ सबको ये है पालती,इसको शीश लगाय।उपजाती धन धान्य है,धरती माँ कहलाय॥ इसकी सौंधी है महक,मन को लेती मोह।हरियाली चहुँओर है,ये अँखियों को सोह॥ खेले हैं जो गोद में,जी भरकर भरपूर।रिश्ता दिल से जो जुड़ा,कैसे जायें दूर॥ जब भी सावन माह … Read more

एकलव्‍य

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)************************************************************** मैं आज जैसे ही ऑफिस पहुँची,तो चपरासी ने सूचना दी,-मैडम एक महिला आपका बहुत देर से इंतजार कर रही हैl मैंने सोचा हो सकता है कोई अभिभावक हो..तो चपरासी से कहा-ठीक है उन्हें अंदर भेज दोlइंतज़ार कर रही वो महिला जैसे ही अंदर आई,तो मैंने उसे सरसरी निगाहों से तुरंत ऊपर से नीचे … Read more

बस दुआओं से है ज़िन्दगी

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)*************************************************************** सहमी सुबह सहमी-सी शाम है।पुर्जा-पुर्जा जिस्म का जाम है। जा़यका जिंदगी में वो रहा नहीं,मेहनती हाथ भी अब हुए आम है। घर में कैद लगती है साँसें अब तो,पहचान भी जैसे मेरी बेनाम है। मैं क्यूं करता फिरुं जियारत तेरी,मेरे माँ-बाप ही मेरे चारों धाम है। बस दुआओं से है ज़िन्दगी … Read more

यह हाल देख न पाओगे…

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’ भोपाल (मध्यप्रदेश)************************************************************ मेरे सिद्धि विनायक इस बरस जब तुम आओगे,दुनिया का यह हाल देख न पाओगे।कहीं तुम दुखी न हो जाओ ये सब देख कर,तुमको मैं दुखी देख न पाऊँगी।तो अभी बताए देती हूँ,यहाँ के हाल सुनाए देती हूँ।ध्यान से सब सुन लेना,फिर बाद में मुझसे न कहना।क्या बताऊँ मैं तुमको!यहाँ हाल बुरा … Read more

बर्बादी की प्रतीक शराब पर अंकुश आवश्यक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* शराब को मदिरा भी कहते हैं। मनचले शराबी इसे सोमरस भी कहते हैं। यह युगों-युगों से घर-परिवार एवं राजदरबारों की बर्बादी की प्रतीक मानी जाती है,क्योंकि यह शराबी को बहका देती है और बहकने के उपरांत वह जुआ खेलने से भी नहीं चूकता, जिसके कारण सब-कुछ तबाह हो … Read more

कान्हा मुरली बजा दे तू…

देवश्री गोयलजगदलपुर-बस्तर(छग)******************************************************* कान्हा मुरली बजा दे तू आज,नाचूं मन भर के मैं छेड़ साज…। मेरी पीड़ा को समझो जरा…,तू बजा मुरली मैं नाचूं आज…।कान्हा मुरली बजा दे तू आज… मधुबन में तू गोकुल में तू…,पनघट में तू,गलियन में तू…।तेरी मुरली-सी मैं कान्हा कैसे बनूं…,यह बता जा मुझे तू जरा आज…।कान्हा मुरली बजा दे तू आज… … Read more