महकता है हरश्रृंगार

सपना परिहारनागदा(मध्यप्रदेश)********************************************************* उसका आँगन हरश्रृंगारसे महकता है,उसकी सुगन्ध सेकोई और बहकता है।भीनी-भीनी खुशबू जबरात को महकाती है,उसके आलिंगन मेंकोई और महकता है।जैसे हो कोई ये पुष्पप्रेम का प्रतीक,जिसे पाने को…

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प्रथम पूज्य को शीश झुकाऊँ

सपना परिहारनागदा(मध्यप्रदेश)********************************************************* श्री गणेश चतुर्थी स्पर्धा विशेष….. भाद्र पक्ष की चतुर्थी,जन्म हुआ गजराजरंग-गुलाल उड़ रहा,और बज रहा है साज। प्रथम पूज्य को शीश झुकाऊँ,गौरी पुत्र गणेशभालचंद्र है जिनके सिर पर,पिता…

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कर लें स्वागत वन्दन नव का

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** कौन जियेगा कितने दिन तक,होता है यह तय नहींl शर शैया पर भीष्म पितामह,का भी होता समय नहींl आया समय बिताया लेकिन,बीत गयी जो बात गयी,…

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रिश्ते-नाते

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** संबंधों के इस आँगन में,क्या तेरा क्या मेरा है, रिश्तों के पावन दामन में,छाया द्वेष घनेरा हैl जिसको हमने हमदम माना,भाई अरि सम बैठ गया, देख…

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वनवास

सपना परिहार नागदा(मध्यप्रदेश) ******************************************– चौदह वर्ष का वनवास, केवल राम,सीता और लक्ष्मण ने नहीं झेला... उनके साथ उर्मिला,भरत और माता कौशल्या और सुमित्रा ने भी भोगा वनवास... अपने प्रियजनों के…

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गुलाब

सपना परिहार नागदा(मध्यप्रदेश) ******************************************- सुना है तेरे शहर में गुलाब बहुत हैं, उसकी खुशबू मेरे शहर से होकर गुजरती है भले ही रौनक तेरे शहर में हो, तेरे शहर के…

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वो चरित्रहीन हो जाती है…

सपना परिहार नागदा(मध्यप्रदेश) ****************************************** जब किसी पुरूष से उसकी मित्रता हो जाती है, वो मन ही मन थोड़ा ज्यादा जी जाती है। थोड़ा हँसती है,थोड़ा मुस्कुराती है, तब समाज की…

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सरस-सुहावनी हिंदी हूँ मैं

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. अभिवादन में वंदन करती,चंद्र बिंदु की बिंदी हूँ मैं, मुझसे दूर नहीं अब जाना,सरस सुहावनी हिंदी हूँ मैं। कर मत हाय-हैलो अब…

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