सृजन ऑस्ट्रेलिया’ द्वारा २५ को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

ऑस्ट्रेलिया। ‘सृजन ऑस्ट्रेलिया’ अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय(पुणे)द्वारा २५ अगस्त को सुबह ११.३० बजे से ‘हिंदी का वैश्विक परिदृश्य और अनुसंधान की नई दिशाएँ’ विषय पर एक-दिवसीय ‘अंतरराष्ट्रीय वेब संगोष्ठी’ का आयोजन किया जा रहा है। पत्रिका के प्रधान सम्पादक डॉ. शैलेश शुक्ला के अनुसार महाविद्यालय (अहमदनगर (महाराष्ट्र)के हिंदी विभाग द्वारा मंगलवार को … Read more

चल-चल रे नौजवान…

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)*********************************************************** चल-चल रे नौजवान,मातृभूमि पर शीश चढ़ाने अपना सीना तान। माँ का आँचल शत्रुओं ने रक्त रंजित कर दिया,अनगिनत गोलियों से लहू-लुहान कर दिया।माँ की दशा देखकर रो रहा है आज आसमान,चल-चल रे नौजवान….॥ दुश्मनों को गोलियों से भून कर रख देंगे,हाथ जो उठे तो ऊपर खंड-खंड कर देंगे।हौंसले बुलन्द रख सैनिक … Read more

बचा लो न,माँ मुझे…

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* माँ…मैं बोल रही हूँ,इधर-उधरक्या देख रही हो…?मैं तुम्हारीकोख़ मेंपल रही हूँ,तुम्हारी अजन्मी बेटी।माँ तुमने,दादी और पापा कीबातें सुनी ?वो कह रहे थे कि,कल वो मुझेतुमसे अलग कर देंगे।कल अस्पताल में,डॉक्टर मुझेतुम्हारी कोख़ सेज़ुदा कर देंगे।माँ,मेरी प्यारी माँमुझे हाथ में,छुरी-कैंची लिएडॉक्टर से,बहुत डर लगता है।वो मेरा खून कर देगा,मिटा देगामेरा अस्तित्व,दुनिया मेंआने से … Read more

हिन्दी के पाणिनि:आचार्य किशोरीदास वाजपेयी

प्रो. अमरनाथकलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************हिन्दी योद्धा…….. हिन्दी के पाणिनि कहे जाने वाले आचार्य किशोरीदास वाजपेयी का जन्म(१५ दिसम्बर १८९८) कानपुर के बिठूर के पास रामनगर नामक गाँव में हुआ था।प्रारंभिक शिक्षा गाँव में,संस्कृत की शिक्षा वृंदावन में और आगे की शिक्षा बनारस तथा पंजाब में हुई। कुछ वर्ष तक उन्होंने हिमाचल प्रदेश में अध्यापन का कार्य … Read more

घर एक मन्दिर ही

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’बहादुरगढ़(हरियाणा)********************************************************* यह बात निस्संदेह नितान्त सत्य ही है कि,घर एक मन्दिर की तरह है। मन्दिर में जाते ही प्रभु से समीपता का एहसास होता है,ऐसे ही घर में जहाँ परस्पर प्यार,लगाव,आकर्षण हैl जाते ही अपनेपन का एहसास हिलोरे लेने लगता हैl घर की देहरी में आते ही सारी थकान दूर हो जाती है … Read more

क्यों मोहब्बत में मजहब ?

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** दिल जिससे लगा,उसे पा न सकापाने की कोशिश में,बदनाम हम हो गए।फिर जमाने वालों ने,खेल मजहब का खेलाजिसके चलते हम दोनों को,अलग होना पड़ाll मोहब्बत करने वालों का,क्या कोई मजहब होता हैदोनों का खून क्या,अलग-अलग होता है।क्यों मोहब्बत में मजहब,बीच में ले आते हैं लोगऔर सच्ची मोहब्बत का,क्यों गला घोंट देते हैंll … Read more

वीरों का ही गुणगान गाइए

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** आजादी का दिन आया खुशियाँ अपार लाया,सब देशवासी मिल,पर्व ये मनाइये।आज हर घर घर,बच्चे बूढ़े नारी नर,शान अपने देश की,तिरंगा उड़ाइये। शहीदों को याद कर,पुष्प अंजुरी में भर,दिल से नमन कर,उनको चढ़ाइये।जिनके बलिदान से,आजादी मिली है हमें,आज उन वीरों का ही,गुणगान गाइये। सींचा अपने खून से,भारत की माटी इसे,करके नमन सदा,शीश … Read more

ट्रम्प की टोपी में मोर पंख और बिच्छू…

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ************************************************************** पिछले दिनों में अमेरिका एक बार उठ गया और एक बार गिर गया। वह उठा तब,जबकि इस्राइल और संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) में समझौता हो गया और वह गिरा तब,जबकि सुरक्षा परिषद में वह ईरान के विरुद्ध बुरी तरह से पछाड़ खा गया। इस्राइल की स्थापना १९४८ में हुई,लेकिन पश्चिम एशिया के … Read more

गीत मुहब्बत का

सूरज कुमार साहू ‘नील`भोपाल (मध्यप्रदेश)***************************************************************** ऐ मुहब्बत मेरी तू मुझे भूल जा,मैं तुझे भूल जाऊँ होगा नहीं।गर फेरी नजर अब दोबारा अगर,मैं भला जी जाऊँ होगा नहीं॥ वर्षों हो गए तेरे से दूर हुए,फिर भी रख उम्मीद बैठा हूँ मैं,तू देगी आवाज कभी न कभी,इसीलिए तेरी राह लौटा हूँ मैं।तू तो है ही कस्तूरी,तेरी महक … Read more

तिरंगा चाह कफन

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* रचना शिल्प:३२ वर्ण (८८८८) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत,आंतरिक समान्तता होचरणांत नगण १११ भारत माता वंदनमाटी सादर चंदन,मानस अभिनंदनचरणों में है नमन। जन-गण का गायनहर दिन हो सावन,कण-कण है पावनरहे आजाद वतन। सुन्दर सुन्दर वनपौरुषवान बदन,ईमानी है जन-जनरहे आबाद चमन। देश की रक्षा का मनकरें आतंक हनन,समर्पित दैही धनतिरंगा चाह कफन। परिचय : बाबूलाल शर्मा … Read more