किसान हूँ

विजय कुमारमणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** मेहनत में कमी नहीं,क्या कहूं फुरसत नहींकभी सूखे से ग्रस्त हूँ,तो कभी बाढ़ से त्रस्तनुकसान हुआ,इसीलिए बेचैन हूँ,दुखी हूँ,क्योंकि एक किसान हूँ…। कभी प्राकृति आपदा आए,तो कभी…

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राखी का त्यौहार

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)********************************************************************* रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. राखी का त्यौहार,त्यौहार नहीं हैये तो सिर्फ,भाई-बहन का प्यार है।रिश्तों को मिलता,खुशियों कापावन उपहार है।एक-दूजे से लड़ते-झगड़ते,पर निश्छल इनका संसार हैराखी कलाई में बंधती,पर…

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हम खुद ढूँढते हैं दोस्त

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* दोस्त चाहे-पतला हो या,लेकर चलता हो मोटा-सा पेटआज भी मजा आता है जब,खींच लेते हैं उसकी समोसे वाली प्लेटlसही कहते हैं हर एक,दोस्त जरूरी होता हैसामने पिटाई…

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निराले नेह का बंधन

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’जयपुर(राजस्थान)**************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. बना ये सूत का धागा,निशानी प्रीत की समझूँ,निशानी मतलबी जग में,अनूठी रीत की समझूँ।कलाई पर सजा देखूँ,निराले नेह का बंधन-सभी रिश्तों में पावन…

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प्रेम की पाती

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. भाई को बहना लिखती है,एक प्रेम की पाती।इस कोरोना काल में भैया,याद आपकी आतीll उत्सव और त्यौहार भी अब,लगते सारे फीके।इस कोरोना के…

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समय

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* वक़्त के साथ,काम करने केतरीके भी बदलजाते हैं,मेरे यारlपहिले,छप के बिकतेथे अख़बार,इन दिनोंबिक के,छप रहे हैंअख़बारll परिचय-डॉ. प्रताप मोहन का लेखन जगत में ‘भारतीय’ नाम…

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ज़ाहिल मत बन

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** आबाद सफ़ीनों की आमद से ही,तो होता है,कश्ती को नहीं ठिकाना दे,वो साहिल मत बन। जो उसका है,वो दे उसको,ये हक़ उसका है,देख के…

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सदा धर्म निभाना

भुवन बिष्ट रानीखेत (उत्तराखंड)******************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. आज लिखो कल भूल न जाना,सच्चे भ्राता बन सदा धर्म निभाना।कहीं न अस्मत लूटे धरा पर,अबला न हो कोई बहिन धरा पर॥पावन रक्षा…

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सुदृढ़ बंधन राखी के दो तार

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. सबसे सुदृढ़ बंधन है ये राखी के दो तार,इन तारों में बँधा हुआ है बहन-भाई का प्यार।अपनी हमसाया से बँध गई मेरी प्रीत…

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लेता वक्त फेरा है

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************************* क्यों ये मायूसियों का डेरा है,आने वाला नया सबेरा है। जो बुरा हो चुका वो जाने दो,वक्त पे लेता वक्त फेरा है। ये तो इस जिंदगी का आलम…

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