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किसान हूँ

विजय कुमार
मणिकपुर(बिहार)

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मेहनत में कमी नहीं,
क्या कहूं फुरसत नहीं
कभी सूखे से ग्रस्त हूँ,
तो कभी बाढ़ से त्रस्त
नुकसान हुआ,इसीलिए बेचैन हूँ,
दुखी हूँ,क्योंकि एक किसान हूँ…।

कभी प्राकृति आपदा आए,
तो कभी मानव निर्मित आपदा
आपदाओं से घिरा हूँ,
क्योंकि किसान के घर में पला हूँ
और ये सब मैं सहा हूँ,
दुखी हूँ,क्योंकि एक किसान हूँ…।

कभी बीज की कमी,
तो कभी उर्वरक की कमी
कमी ही कमी झेलता हूँ,
क्योंकि किसान का बेटा हूँ।
आधी से कम में जिया हूँ,
दुखी हूँ,क्योंकि एक किसान हूँ…॥

परिचयविजय कुमार का बसेरा बिहार के ग्राम-मणिकपुर जिला-दरभंगा में है।जन्म तारीख २ फरवरी १९८९ एवं जन्म स्थान- मणिकपुर है। स्नातकोत्तर (इतिहास)तक शिक्षित हैं। इनका कार्यक्षेत्र अध्यापन (शिक्षक)है। सामाजिक गतिविधि में समाजसेवा से जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता एवं कहानी है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा जानने वाले विजय कुमार की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समस्याओं को उजागर करना एवं जागरूकता लाना है। इनके पसंदीदा लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ हैं। प्रेरणा पुंज-खुद की मजबूरी है। रूचि-पठन एवं पाठन में है।

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